कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र के खिलाफ अपने धरने के दूसरे दिन गुरुवार की दोपहर मंच छोड़ सड़क पर उतरीं। धरने के चार घंटे का अधिक समय बीतने के बाद वह मंच से नीचे उतरीं। धर्मतल्ला में अंबेडकर मूर्ति के पास जहां वह धरने पर बैठी हैं वही से रेड रोड सड़क गुजरती है। मंच से उतरकर वह रेड रोड की ओर मार्च करने लगीं। उनके साथ उनकी पार्टी के नेता भी थे। यहां मौजूद मीडियाकर्मियों से भी ममता ने बात करनी शुरू की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल से सबसे अधिक भेदभाव शुरू किया है। यहां आवास योजना का पैसा नहीं देते। 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना का भी पैसा नहीं देते हैं। चक्रवात में बंगाल को जो रुपये देने की बात थी वह भी नहीं देते। यहां तक कि जीएसटी के तहत नियम है कि राज्यों से जिन रुपयों की वसूली की जाती है उसमें से राज्य का हिस्सा उन्हें तुरंत लौटा दिया जाता है लेकिन केंद्र सरकार बंगाल का कोई भी हिस्सा नहीं दे रही। कुछ देर रेड रोड पर मार्च करने के बाद ममता वापस लौटीं और मंच पर बैठीं।
युवाओं को लेकर बनाएंगी बैंड
ममता के मंच पर प्रेसिडेंसी और जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं पहुंचे। यहां ममता कैबिनेट में मंत्री बाबुल सुप्रियो और इंद्रनिल सेन भी मौजूद थे जो लगातार रवींद्र संगीत और अन्य गीत गा रहे थे। छात्र-छात्राओं ने भी शानदार गीत गाया जिसे लेकर ममता बेहद खुश हुईं। उन्होंने कहा कि इन छात्र-छात्राओं को लेकर एक बैंड बनाया जाएगा। ममता ने बाबुल सुप्रियो और इंद्रनील को निर्देश देते हुए कहा कि अगले कार्यक्रम में इन लोगों को बुलाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री सेनहाइजर का इंस्ट्रुमेंट उपहार देंगी। उनके पास तीन हैं उनमें से एक बिल्कुल नए की तरह है, वही इन्हें उपहार के तौर पर दे देंगी।