कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में बजट अभिभाषण पर चर्चा के दौरान संबोधन करते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में हर ओर शांति है लेकिन सीमाई क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बल बीएसएफ की मदद से हिंसा फैलाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने वैलेंटाइन डे पर काऊ हग डे मनाने के केंद्र सरकार के सुझाव की भी खिंचाई की और कहा कि मैं किसी भी गाय को गले लगाने के लिए तैयार हूं लेकिन केंद्र सरकार को यह घोषणा करनी होगी कि अगर गले लगाने के दौरान गाय मार दे तो 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा। इसके अलावा अगर भैंस मार दे तो 20 लाख रुपये का बीमा देना होगा। केंद्र सरकार को यह घोषणा करने की साहस करनी चाहिए।
ममता बनर्जी से पहले नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी की विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से तीखी नोकझोंक हुई थी। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाली का दावा किया था जिस पर जवाब देते हुए ममता ने कहा कि बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक शांति है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ दूसरे राज्यों में माओवादी केंद्रीय बलों को मार रहे हैं वहीं बंगाल में पिछले 11 वर्षों के दौरान कहीं कोई उग्रवादी हिंसा नहीं हुई। पहाड़ जो अमूमन अलग होने की मांग पर हिंसा ग्रस्त रहता था वहां भी शांति बरकरार है। उत्तर बंगाल भी शांत है। यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह से अच्छी चल रही है।
बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में बीएसएफ की मदद से डर फैलाया जा रहा है। बीएसएफ कर्मी सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं। इन हत्याओं की जांच के लिए केंद्र सरकार कोई टीम नहीं भेजती। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने प्रेम कुमार नाम के एक राजवंशी युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके शरीर से बुलेट के 180 छर्रे मिले थे। हकीकत यह है कि यहां जानबूझकर अशांति पैदा करने की कोशिश हो रही है।
शुभेंदु अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि वह बीजेपी में हैं और मुझे जान से भी मरवा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल के नेतृत्व में हुए बहुचर्चित नंदीग्राम आंदोलन के दौरान शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार की कोई भूमिका नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि जिस प्रेम कुमार नाम के युवक का जिक्र ममता ने अपने संबोधन में किया है, दो दिन पहले शनिवार को उत्तर बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की जनसभा मंच पर भी उसके परिवार को लाया गया था। अभिषेक ने भी इसी तरह का दावा किया था।