कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य का बकाया जारी करने की मांग पर बातचीत के लिए 20 दिसंबर को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगी। इस दौरान उनके साथ उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी होंगे। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मोदी से मुलाकात के लिए बनर्जी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बैठक 20 दिसंबर को सुबह करीब 11 बजे होगी। इसमें ममता बनर्जी के साथ उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के भी जाने की योजना है। पार्टी के नेताओं ने इसे प्रस्तावित किया था जिसे सीएम ने माना है।
बनर्जी ने इस सप्ताह के शुरू में दावा किया था कि केंद्र को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) एवं अन्य मदों में पश्चिम बंगाल को 1.15 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि देनी है। इसी हफ्ते मंगलवार को बंगाल में सिलीगुड़ी के कंचनजंगा स्टेडिम में एक सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया , ‘‘केंद्र ने अल्पसंख्यकों एवं विधवाओं से संबंधित योजनाओं समेत राज्य की परियोजनाओं के वास्ते धन देना बंद कर दिया है।’’
मुख्यमंत्री ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर जीएसटी संग्रहण में राज्य का हिस्सा रोक लेने का भी आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘‘पहले राज्य की कमाई बिक्री कर के तरीके से होती थी। लेकिन अब पूरी कर राशि जीएसटी के नाम पर केंद्र के पास चली जाती है। पश्चिम बंगाल को अब तक उसका हिस्सा नहीं मिला है।’’ बनर्जी ने कहा था कि भाजपा नीत राजग सरकार को पश्चिम बंगाल का बकाया जारी करना चाहिए या सत्ता छोड़ देनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बंगाल के लिए बकाया 1.15 लाख करोड़ रुपये का कोष मांगा जाएगा। हम नारा लगाएंगे कि गरीबों का पैसा दो या गद्दी छोड़ो।’’ राज्य के भाजपा नेतृत्व का कहना है कि मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को धनराशि जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी गई है क्योंकि पहले दी गई राशि का लेखा-जोखा पेश करने में राज्य सरकार विफल रही है।