कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को चौंकाने वाला दावा किया है। बर्दवान में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि एक दिन पहले जब केंद्रीय बजट पेश हुआ था तब एक खास औद्योगिक घराने का शेयर लगातार गिरने लगा था। हालात ऐसे बन गए थे कि उसकी वजह से केंद्र सरकार के गिरने तक की नौबत आ गई थी।
ममता ने दावा किया कि सरकार बचाने के लिए कई बड़े औद्योगिक घराने कम से कम छह से आठ औद्योगिक घरानों को फोन कर रुपये देने को कहा गया। किसी से 20 हजार करोड़ तो किसी से 30 हजार करोड़, किसी से 10 हजार करोड़ रुपये देने को कहा गया। उन्होंने कहा कि बिना योजनाबद्ध तरीके से सरकार चलाई जाएगी तो ऐसी स्थिति बनती है।
दरअसल अमेरिका की सर्वे संस्था हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदानी समूह पर वित्तीय भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद से लगातार उसके शेयर में गिरावट हो रही है। बजट वाले दिन भी उसके शेयर गिरे थे। इसी बहाने ममता ने केंद्र पर हमला बोला है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पहले दो लाख रुपये तक की आय पर कर में छूट थी लेकिन लोगों के पास रुपये बचते थे लेकिन अब कर (टैक्स) में छूट तो दी गई है लेकिन अधिक वसूली की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि जो लोग आयकर रिटर्न देते थे उन्हें 80जी धारा के तहत डेढ़ लाख रुपये तक का छूट पाते थे लेकिन नयी आय कर व्यवस्था में अब छूट नहीं दी जाएगी। मेडिकल इंश्योरेंस के लिए 50 हजार रुपये की छूट नहीं मिलेगी, नेशनल पेंशन स्कीम भी हटा दी गई है।
भाजपा का पलटवार
इस पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कहा है कि भारत का बजट इतना बढ़िया है कि पूरी दुनिया में उसकी सराहना हो रही है। ममता को यह रास नहीं आ रहा है इसलिए वह सरकार गिरने का सपना देख रही हैं। वह बंगाल के लोगों को बेवकूफ समझती हैं। हमेशा बरगलाने वाला बयान देती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रुपये भेजती है तो यहां की योजनाएं चल रही हैं और हर योजना को मुख्यमंत्री अपना बताती हैं। केंद्र सरकार लोगों के लिए जो रुपये भेजती है वह अपनी जेब में ठूँस लेती है। उनके नेता प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्रीय रुपये का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। मिड डे मील का पैसा खा रहे हैं। घोष ने कहा कि यह सब लोगों के सामने आ रहा है इसलिए भ्रम जाल बुन रही हैं लेकिन इसका कोई लाभ होने वाला नहीं है।