कोलकाता : पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी का जादू बरकरार है। तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की करीब 80 फीसदी सीटों पर कब्जा किया है। 20 फीसद सीटों पर भाजपा-माकपा-कांग्रेस और अन्य पार्टियों के उम्मीदवार सिमट गए हैं। मतगणना लगातार दूसरे दिन बुधवार सुबह भी जारी रही।
चुनाव आयोग का कहना है कि बुधवार दोपहर तक तस्वीर साफ होगी। आयोग की ताजा सूचना के अनुसार ग्राम पंचायत की 63 हजार 229 सीटों में से तृणमूल ने 41 हजार 71 पर कब्जा जमा लिया है। भारतीय जनता पार्टी 8866 सीटें जीतने में कामयाब रही है। माकपा की झोली में 2869 सीटें गई हैं जबकि कांग्रेस 2381 सीटें जीतने में सफल रही है। अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों ने 2173 सीटों पर कब्जा जमाया है। इसी तरह से पंचायत समिति की 9730 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस ने 4938 पर कब्जा जमाया है जबकि भाजपा 511, माकपा 125, कांग्रेस 105 और अन्य पार्टियों के उम्मीदवार 46 सीटों पर कब्जा जमा चुके हैं।
जिला परिषद की 928 सीटों में से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 383 जीत चुकी है जबकि भाजपा 14, माकपा एक, कांग्रेस दो और अन्य दलों के उम्मीदवार एक सीट जीत चुके हैं। बाकी पर मतगणना जारी है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मतगणना के दौरान भी हिंसा हुई है। सबसे अधिक मारपीट और तोड़फोड़ दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में हुई। यहां उम्मीदवार और काउंटिंग एजेंट को पुलिस के सामने पीटा गया। इसबाद आईएसएफ कार्यकर्ताओं ने 20 से अधिक पुलिस गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की।
यहां से तृणमूल कांग्रेस के नेता अराबुल के बूथ पर आईएसएफ की जीत हुई है और संगठन ने इस पूरे इलाके में अपना दबदबा कायम रखा है। खास बात यह हैं कि आईएसएफ के टिकट पर विधायक के तौर पर जीते नौशाद सिद्दीकी ने इस बार ग्राम सभाओं में भी सेंध लगाकर तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। यह अल्पसंख्यक वोट बैंक का बड़ा बटवाड़ा माना जा रहा है।
इन सीटों पर बिन लड़े जीत चुके हैं उम्मीदवारः – ग्राम पंचायत की 63 हजार 229 सीटों में से 8002 सीटों पर बिना प्रतिद्वंद्विता के विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार पहले से ही जीत चुके हैं। इनमें से तृणमूल कांग्रेस 7944 सीटों पर जीती है जबकि दो पर भाजपा, तीन पर माकपा और 53 पर निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई है। पंचायत समिति की 9730 सीटों में से 991 पर विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार जीत चुके हैं। तृणमूल ने 981 सीटों पर बिना प्रतिद्वंदिता जीत हासिल की है जबकि अन्य दलों के 10 उम्मीदवार भी ऐसे ही जीत चुके हैं। इसी तरह से जिला परिषद की 928 सीटों में से 16 पर तृणमूल उम्मीदवार जीते हैं। बाकी सीटों पर मतदान हुआ।