कोलकाता : घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में की गई सिफारिश के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनके निष्कासन का फैसला किया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। लोकसभा के फैसले के कुछ मिनट के भीतर ममता ने कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है।”
ममता ने कहा, “महुआ को अपने बचाव में बोलने का भी अवसर नहीं दिया गया। एक महिला को भाजपा ने अपने राजनीतिक हित साधने के लिए जिस तरह परेशान किया वह लोकतंत्र की हत्या है। पार्टी महुआ मोइत्रा के साथ थी और है। इससे एक बार फिर भाजपा की प्रतिहिंसा की राजनीति साबित हो गई।”
उल्लेखनीय है कि महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रइ ने मोइत्रा पर संसद में घूस लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इस संबंध में जांच के लिए उन्होंने सीबीआई के महानिदेशक को पत्र भेजा था, जिसके साथ उन्होंने कई साक्ष्य शामिल किए थे। देहाद्रइ की शिकायत के आधार पर झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया कि हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से ”कैश और महंगे तोहफे लेकर” संसद में सवाल पूछती हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से महुआ मोइत्रा को निलंबित करने की मांग की। इस मामले को लेकर संसद की एथिक्स कमेटी ने जांच की और महुआ से पूछताछ हुई थी।