कोलकाता : लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर पश्चिम बंगाल में नागरिकता अधिनियम लागू करने की उठ रही मांग के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को महत्वपूर्ण घोषणा की। नदिया जिले के कृष्णानगर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वे जान दे देंगी लेकिन नागरिकता अधिनियम लागू नहीं होने देंगी। यदि किसी की नागरिकता छीन ली जाती है, तो वह जान देकर भी रोकने की कोशिश करेंगी।
ममता ने नदिया की सभा से मतुआ समुदाय को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि मतुआ इस देश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि मैं सभी मतुआ भाइयों और बहनों से कह रही हूं, आप यहां के नागरिक हैं। हमेशा नागरिक रहेंगे। किसी को कुछ न करने दें। आपकी नागरिकता कोई नहीं छीन सकता। मैं जान देने को तैयार हूं लेकिन मैं किसी की नागरिकता रद्द नहीं होने दूंगी।
हालांकि नागरिकता अधिनियम से गैर मुस्लिम समुदाय के किसी की नागरिकता जाने वाली नहीं है लेकिन बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत पड़ोसी देशों से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों की नागरिकता खत्म होगी। इसलिए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने मतुआ समुदाय की आड़ में अल्पसंख्यक समुदाय को संदेश देने की कोशिश की है।
कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक निर्देश जारी कर कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को गुजरात के दो जिलों में लागू किया जाए। गुजरात के दो जिलों में नागरिकता की घोषणा के बाद फिर विवाद शुरू हो गया है।
बुधवार को ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा सीएए के बहाने राजनीति करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि वह बंगाल में सीएए लागू करेगी। अगर लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं है, अगर वे नागरिक नहीं हैं, तो नरेन्द्र मोदी इतने वोटों के साथ देश के प्रधानमंत्री कैसे बने? मैं मुख्यमंत्री कैसे बनी?
ममता का दावा है कि भाजपा लोगों में भेदभाव करना चाहती है। उन्होंने उल्लेख किया कि जो पहले से ही नागरिक हैं उनके अधिकार कम होंगे। आदिवासी, अनुसूचित जनजाति, मतुआ सभी बंगाल के नागरिक हैं। अगर वे नागरिक नहीं हैं, तो मैं भी नागरिक नहीं हूं!
ममता ने यह भी दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नतीजे अच्छे नहीं होंगे। उनके शब्दों में, हमें अब भी लगता है कि भाजपा वर्ष 2024 में सत्ता में नहीं आएगी। इससे पहले बिहार, झारखंड समेत कई जगहों पर उनकी सरकार थी, अब नहीं है। इन सबके अलावा केंद्र बंगाल को वह पैसा नहीं दे रहा जिसका वह हकदार है, बंगाल को बार-बार वंचित किया जा रहा है। ममता ने पेट्रोल का दाम बढ़ाने और नोटबंदी को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा। संयोग से मंगलवार को नोटबंदी की छठवीं बरसी थी।