नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को नये साल की शुभकामनाएं देते हुए देश और समाज के विकास को ध्यान में रखकर नये संकल्प लेने और उन्हें पूरा करने के लिये प्रयासरत होने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि 2022 नये भारत के निर्माण में एक स्वर्णिम अध्याय होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ने रविवार को ‘मन की बात’ के 84वें संस्करण को संबोधित करते हुये कहा कि हर बार की तरह, एक महीने बाद, 2022 में हम फिर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हर नई शुरुआत अपने सामर्थ्य को पहचानने का भी एक अवसर लाती है। जिन लक्ष्यों की पहले हम कल्पना भी नहीं करते थे। आज देश उनके लिए प्रयास कर रहा है।
उन्होंने देशवासियों से बिना एक क्षण गंवाये नये लक्ष्य हासिल करने के लिये प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देश को विकास की नयी ऊंचाई पर लेकर जाना है, इसलिए हमें अपने हर संसाधन का पूरा इस्तेमाल करना होगा। यह एक तरह से आत्मनिर्भर भारत का भी मंत्र है, क्योंकि, हम जब अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल करेंगे, उन्हें व्यर्थ नहीं होने देंगे, तभी तो हम लोकल की ताकत पहचानेंगे, तभी तो देश आत्मनिर्भर होगा।
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर स्वच्छता और स्वच्छ भारत को लेकर देशवासियों का आह्वान करते हुये कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जिन स्थानों पर जाते हैं उन्हें दूषित न करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का संकल्प अनुशासन, सजगता और समर्पण से ही पूरा होगा। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में 30 हजार से अधिक एनसीसी कैडेट्स द्वारा शुरू किए गये क्लीनबीच अभियान का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेट्स ने पुनीत सागर अभियान के तहत तटों पर सफाई की, वहां से प्लास्टिक कचरा हटाकर उसे रीसाइक्लिंग के लिए इकट्ठा किया। हमारे तटों, हमारे पहाड़ यह हमारे घूमने लायक तभी होते हैं जब वहां साफ सफाई हो। बहुत से लोग किसी जगह जाने का सपना ज़िन्दगी भर देखते हैं, लेकिन जब वहां जाते हैं तो जाने-अनजाने कचरा भी फैला आते हैं। ये हर देशवासी की ज़िम्मेदारी है कि जो जगह हमें इतनी खुशी देती हैं, हम उन्हें अस्वच्छ न करें।