कोलकाता : पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ 21 अक्टूबर को हुई बैठक के रिकॉर्ड पर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि उस दिन हुई कई महत्वपूर्ण चर्चाओं को रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया है। इसके चलते जूनियर डॉक्टरों के संगठन ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ ने मुख्य सचिव मनोज पंत को एक ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई है।
इस बैठक में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना का विरोध करते हुए और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने अनशन किया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ इस बैठक का सीधा प्रसारण किया गया था, और बाद में बैठक की रिकॉर्डिंग डॉक्टरों को दी गई। हालांकि, डॉक्टरों का आरोप है कि रिकॉर्ड में आरडीए (रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) के गठन पर हुई चर्चा का कोई उल्लेख नहीं है। डॉक्टरों ने अपने ईमेल में इस मुद्दे पर पुनः ध्यान देने का अनुरोध किया है।
डॉक्टरों ने यह भी शिकायत की है कि रिकॉर्ड के अनुसार मेडिकल कॉलेजों की सभी शिकायतों को पहले अस्पताल के प्रिंसिपल द्वारा सुना जाएगा और फिर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से मुख्य सचिव के पास भेजा जाएगा। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी शिकायतों को प्रिंसिपल के माध्यम से सीधे मेडिकल काउंसिल को भेजना चाहिए, न कि राज्य सरकार को।
ओबीसी आरक्षण से संबंधित एक मामले के चलते भर्ती प्रक्रिया को रोकने का रिकॉर्ड में उल्लेख किया गया है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि एक आरक्षण मामले के कारण संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को स्थगित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, जूनियर डॉक्टरों ने अस्पतालों में केंद्रीय रेफरल सिस्टम लागू करने की अपनी मांग का जिक्र भी किया है, जो अभी तक सरकार द्वारा स्वीकार नहीं की गई है।
डॉक्टरों ने यह भी बताया कि बैठक में अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की गई थी, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अस्पतालों में ‘विनर्स टीम’ और ‘शक्ति टीम’ तैनात की जाएगी, लेकिन इसका कोई असर अभी तक नहीं दिखा है। एसटीएफ के साथ बैठक की योजना का भी जिक्र किया गया था, लेकिन वह भी अब तक अमल में नहीं आई है।
जूनियर डॉक्टरों ने सरकार से अनुरोध किया है कि बैठक के सभी मुद्दों का विस्तृत उल्लेख रिकॉर्ड में किया जाए और इसके बाद उन्हें भेजा जाए।