सिरोही : राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू के जंगलों में लगी भीषण आग ने हजारों हेक्टेयर वन क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। इस आग के कारण न केवल वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को भारी नुकसान पहुंचा है, बल्कि आसपास के इलाकों में भी दहशत का माहौल बन गया। आग पर काबू पाने के लिए सेना के जवानों को राहत कार्य में लगाया गया, जिसके बाद हालात अब नियंत्रण में हैं।
वन विभाग के अनुसार, आग की शुरुआत शनिवार दोपहर 2 बजे छीपाबेरी क्षेत्र से हुई। तेज हवाओं के चलते आग तेजी से फैली और शाम तक यह लगभग 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को प्रभावित कर चुकी थी। आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 17 किलोमीटर दूर गंभीरी नदी के किनारे से भी धुएं के गुबार देखे गए। माउंट आबू का जंगल 300 से अधिक भालुओं के अलावा कई अन्य वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस आग में कई जानवरों की जान गई होगी, हालांकि वन विभाग ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। आग बुझाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि घने जंगल में दमकल की गाड़ियों की पहुंच संभव नहीं थी। वनकर्मियों ने पैदल ही उपकरण लेकर आग बुझाने का प्रयास किया। हालात बिगड़ने पर सेना की मदद ली गई।
डिफेंस पीआरओ अमिताभ शर्मा के अनुसार, स्थानीय प्रशासन से अनुरोध मिलते ही माउंट आबू मिलिट्री स्टेशन के सैन्य कर्मियों ने तुरंत दो टुकड़ियों को राहत कार्य में लगाया। इन टुकड़ियों में प्रशिक्षित कर्मियों के साथ-साथ दो वाटर बॉज़र और एक एंबुलेंस भी भेजी गई। राहत दल ने आग को फैलने से रोकने के लिए छोटे-छोटे समूहों में काम किया और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर आग पर काबू पाया।
हालांकि 80 प्रतिशत आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन गंभीरी नाले के आसपास अब भी धुआं उठता देखा जा सकता है। वन विभाग आग लगने के कारणों की जांच कर रहा है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आग प्राकृतिक कारणों से लगी या यह किसी मानवीय लापरवाही का परिणाम थी।