कोलकाता : ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय के लोगों ने बस रोककर उसमें सवार लोगों को मारने-पीटने की घटना के खिलाफ समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया है। उत्तर 24 परगना के हाबरा स्टेशन पर समुदाय के लोगों ने रेलवे पटरी पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और ट्रेनें रोक दी। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि हमारे समुदाय के बसों को रोककर मारपीट करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
पुलिस ने बताया है कि फ़िलहाल चार लोगों को पकड़ा गया है और बाकी लोगों की भी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है। बस चालक से भी पूछताछ हो रही है।
इधर मतुआ समुदाय से सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा है कि बसों पर जिन लोगों ने हमले किए हैं उनके खिलाफ अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो समुदाय के लोग इसका न्याय कर देंगे।
29 मार्च की रात दक्षिण 24 परगना के गड़िया नरेंद्रपुर से ठाकुरनगर की ओर आ रही बस में सवार मतुआ समुदाय के लोगों को बारासात के काजीपाड़ा इलाके में रोककर कुछ लोगों ने मारा-पीटा था। यहां तक कि बस में सवार महिलाओं से छेड़खानी और अश्लील हरकत की भी कोशिश हुई थी। बस में भी तोड़फोड़ की गई थी। विरोध करने पर सुमन हालदार और दलपति विधान हालदार नामक दो लोगों को बस से उतार कर बुरी तरह से पीटा गया था। दोनों को काफी चोट लगी हैं जिन्हें कोलकाता के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने में सक्रियता नहीं दिखाई है। मंगलवार रात हुई इस घटना के बाद गुरुवार रात को मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों ने सांसद शांतनु ठाकुर से मुलाकात की थी। ठाकुर ने कहा है कि जहां हमला हुआ है वह अल्पसंख्यकों का क्षेत्र है और यहां हमेशा इस तरह की घटनाएं होती रहती है लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। 24 घंटे के अंदर अगर इस पर उचित कार्रवाई नहीं होती है तो हमलोग अपने तरीके से इसका निपटान करेंगे। और इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि बस में सवार लोग मतुआ भक्त थे और उन्हें मारना-पीटना तुगलकी मानसिकता को दिखाता है।
इधर शुक्रवार को महज 10 मिनट तक समुदाय के लोगों ने ट्रेन रोक कर सांकेतिक विरोध जताया ताकि प्रशासन को संकेत दे सकें।