देश-दुनिया के इतिहास में 21 मई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भारत की असाधारण उपलब्धि के लिए याद की जाती है। भारत की सुष्मिता सेन ने 21 मई, 1994 को मनीला में आयोजित विश्व प्रतियोगिता में मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया था। तब उनकी उम्र महज 19 साल थी। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला थीं। मिस यूनिवर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए सुष्मिता का मुकाबला ऐश्वर्या राय से था, जो उसी साल मिस वर्ल्ड बनी थीं।
सुष्मिता जब मिस यूनिवर्स के मुकाबले में पहुंचीं तो उनके दो जवाब ने जीतने में उनकी मदद की। उनसे पूछा गया-आपके पास पैसा और वक्त होगा तो आप क्या एडवेंचर करना चाहेंगी? इस पर सुष्मिता का जवाब था- दुनिया में बेस्ट एडवेंचर बच्चे होते हैं। मेरे पास वक्त और पैसा होगा तो मैं बच्चों के लिए कुछ करना चाहूंगी। उनके साथ समय बिताना चाहूंगी। इसके बाद पूछा गया- आपके लिए महिला होने का मतलब क्या है? इस पर सुष्मिता ने कहा था-महिला होना भगवान का दिया तोहफा है। बच्चे की उत्पत्ति उसकी मां से होती है। महिलाएं पुरुषों के साथ अपने प्यार को साझा करती हैं और उन्हें भी प्यार, देखभाल और शेयरिंग करना सिखाती हैं। इसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी काम किया। खाली समय में उन्हें कविता लिखना पसंद है।