देश और विदेश के इतिहास में 31 मई कई घटनाओं की वजह से महत्वपूर्ण है। भारत के लिहाज से यह तारीख डाक सेवा के लिए अहम है। यह एक मात्र ऐसी सेवा रही है, जिसके जरिये लोग एक-दूसरे से जुड़े रहते रहे हैं। यह महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक मानी जाती थी। चिट्ठियों के जरिये नाते रिश्तेदार एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते थे।
इतनी दूरी होने के बावजूद सबमें अपनापन होता था। आज उन चिट्ठियों के समय का प्यार और अपनापन कहीं खो गया है। भारतीय डाक सेवा के दफ्तर को डाकखाना, डाकघर या पोस्ट ऑफिस कहा जाता है। अब तो पोस्ट ऑफिस को चिट्ठी एवं दस्तावेज के आवंटन के अलावा बैंक के कुछ कार्यों की भी मान्यता प्राप्त है। मसलन पोस्ट ऑफिस में भी पैसे जमा किए जाते हैं।
इस भारतीय डाक सेवा की स्थापना 1766 में लार्ड क्लाइव ने की थी। भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में 31 मई, 1774 में वॉरेन हेस्टिंग्स ने शुरू किया था। 1852 में स्टांप टिकिट शुरू किए गए। भारतीय डाक सेवा दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।