कोलकाता : पश्चिम बंगाल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों की चिकित्सा के लिए नई निर्देशिका जारी की है। इसमें कहा गया है कि जिन मरीजों में लक्षण नहीं नजर आएंगे उन्हें घर पर ही रख कर चिकित्सा की जा सकती है। बहरहाल घर पर चिकित्सकों की निगरानी में रहना होगा। ऐसे मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी दिए जाने की सलाह दी गई है। हालांकि इसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि यह थैरेपी ओमिक्रॉन मरीजों के लिए प्रभावी नहीं है।
साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने यह भी कहा है कि जिन मरीजों में संक्रमण के लक्षण नजर आएंगे उन्हें अस्पताल में भर्ती करना होगा। उनमें भी दो भाग किए गए हैं। जिन लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण की पुष्टि हो जाएगी उन्हें अलग आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया जाएगा जबकि बाकी लोगों का अलग वार्ड में इलाज होगा। कोरोना मरीजों के लिए भी अस्पताल में दो अलग-अलग वार्ड बनाए जाएंगे जिसमें एक में सामान्य कोरोना मरीज और दूसरे में ओमिक्रॉन संक्रमितों को रखकर चिकित्सा होगी।
उल्लेखनीय है कि बंगाल में कोरोना का संक्रमण नए सिरे से काफी तेज गति से बढ़ रहा है जिसे लेकर राज्य सरकार रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। बंगाल सरकार ने आगामी तीन जनवरी से ब्रिटेन से सीधे कोलकाता आने वाली उड़ानों पर अस्थाई रोक लगाई है।