नयी दिल्ली : विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए की महारैली में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश में लोकतंत्र खत्म करना चाहती है। कांग्रेस यह साजिश कभी कामयाब नहीं होने देगी।
दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ में कांग्रेस समेत 27 दलों के नेता शामिल हुए। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने अपने भाषण में कहा कि आज की रैली का उद्देश्य केवल विपक्ष की एकजुटता दिखाना है। ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ विविधता में एकता दिखाती है। हम सभी देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी लोकतंत्र नहीं चाहते, वे तानाशाही की विचारधारा के हैं। उनसे राष्ट्रपति भवन में नड्डा जी ने पूछा- आपका चुनाव प्रचार कबसे शुरू हो रहा है? उन्होंने कहा कि चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहे हैं। पार्टी के खातों से पैसे चोरी हो गए। हजारों करोड़ का जुर्माना लगा दिया गया ताकि हम चुनाव प्रचार न कर सकें।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चुनावों को फिक्स करना चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते कि विपक्ष चुनाव लड़े। इसके लिए उन्होंने इलेक्शन कमीशन में अपने लोग बिठाए। दो मुख्यमंत्री को जेल में डाला, कांग्रेस के बैंक अकाउंट बंद कर दिए और अब न्यायपालिका पर दबाव डाल रहे हैं। ये सब इसलिए कि मैच फिक्स हो, संविधान रद्द किया जाए और मोदी सत्ता में रहें।
उन्होंने कहा कि क्रिकेट में ‘मैच फिक्सिंग’ शब्द होता है। मोदी इस चुनाव में मैच फिक्सिंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका 400 पार का नारा, बिना ईवीएम बिना मैच फिक्सिंग के 180 पार नहीं होने जा रहा है। मैच फिक्सिंग का एकमात्र लक्ष्य- हिंदुस्तान की जनता के हाथ से संविधान छीनना है। मीडिया खरीदा जा सकता है, लेकिन आप हिंदुस्तान की आवाज को नहीं खरीद सकते। दुनिया की कोई ताकत हिन्दुस्तान की आवाज को नहीं दबा सकती है।
प्रियंका गांधी ने इंडी गठबंधन की ओर से पांच मांगें रखीं। ये मांगे थीं चुनाव आयोग को लोकसभा चुनावों में समान अवसर सुनिश्चित करे, विपक्षी दलों के खिलाफ जांच एजेंसियां कार्रवाई रोकें, हेमंत सोरेन और अरविन्द केजरीवाल को तुरंत रिहा किया जाए, विपक्षी दलों पर आर्थिक कार्रवाई बंद हो और चुनावी चंदे को लेकर भाजपा पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी का गठन हो।