मोहम्मद सलीम ने कलतान दासगुप्ता की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की

कोलकाता : सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने डीवाईएफ़आई नेता कलतान दासगुप्ता की गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा की है।

उन्होंने कहा कि जिस घटनाक्रम के बीच से कलतान को गिरफ्तार किया गया, उससे ‘जस्टिस फार आर जी कर’ की मांग करने वाले जन आंदोलन को बदनाम करने की आपराधिक साजिश का स्पष्ट संकेत मिल रहा है। यह घटना दिल्ली में किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा इस्तेमाल की गई पिछली रणनीति की याद दिलाती है और भीमा कोरेगांव मामले या दिल्ली दंगों के मामले जैसे मनगढ़ंत और फ़र्जी इलेक्ट्रॉनिक ‘सबूत’ के आधार पर आंदोलनकारियों को झूठे आरोपों में जेल में बंद करने की घटना की याद दिला रही है। इस तरह की रणनीति आरएसएस की नफरत फैलाने के तरीके का सुपरिचित हिस्सा है।

पश्चिम बंगाल के शासकों ने इसी तरीके का उपयोग किया है, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व रात आर जी कर अस्पताल में अपराधियों को हिंसक हमला करने और सबूत नष्ट करने का मौका दिया गया था।। सत्तारूढ़ दल के आईटी सेल और कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने एक ही भाषा बोली है, जो यह आरोप लगा रहे हैं कि यह घटना एक निर्दिष्ट संगठन अर्थात् डीवाईएफआई द्वारा संगठित की गई थी, आज तक इस बयान के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया गया है, कोई माफी नहीं मांगी गई है और जांच को ही मीडिया में दबा दिया गया है। सलीम ने कहा कि सत्तारूढ़ दल की सर्वोच्च नेता ने जन आंदोलन के खिलाफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग की बातें कही हैं, जबकि उनकी अपनी पार्टी का आईटी सेल डीपफेक और नकली क्लिप का बखूबी उपयोग कर रहा है।
यह एक प्रतिबद्ध युवा राजनीतिक कार्यकर्ता को जानबूझकर परेशान और पूरे आंदोलन को सरकारी संरक्षण में मानहानि के अलावा कुछ नहीं है।

उन्होंने कलतान दासगुप्ता को बिना शर्त रिहा करने के लिए राज्य पुलिस से मांग की है और ऐसे झूठे ‘सबूत’ बनाने वालों के खिलाफ जांच के लिए मामला दर्ज करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने की मांग पर हम कायम हैं, जनता की एकता की हमेशा ही होगी।
ग़ौरतलब है कि लालबाजार के पास रात भर चलने वाले धरना मंच से लौटते समय सुबह ही कामरेड कलतान दासगुप्ता को उठा लिया गया।

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