कोलकाता : महानगर के मोमिनपुर इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अभियुक्त का हुलिया जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक एनआईए कोर्ट ने सातों अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी कर दिया था। उन्हें भगोड़ा भी घोषित कर दिया गया था लेकिन इसके बाद भी उन्होंने सरेंडर नहीं किया। एनआईए के अधिकारियों का दावा है कि वह सात साजिशकर्ताओं में से एक है।
इन सात लोगों का पता लगाने के लिए एनआईए द्वारा इनाम की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। उनके नाम और मामले की जानकारी पोस्टर के रूप में सार्वजनिक की जा रही है। इन भगोड़ों का पता लगाने वालों को एनआईए एक लाख रुपये का इनाम देगी। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, अदालत उनकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश भी दे सकती है।
संयोग से इन सात भगोड़ों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के आदेश पर 11 जनवरी को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। सलाहुद्दीन समेत तीन लोगों के घरों से 36 लाख रुपये बरामद किए गए। उस घटना से जांच अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि तीनों ने दंगे की योजना पहले से बनाई थी। एनआईए ने हाल ही में कुल 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। एनआईए ने इस मामले में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ हिंसा फैलाने समेत कई मामले दर्ज किए गए थे।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में पिछले साल लक्ष्मी पूजा के दिन मोमिनपुर इलाके में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इस मामले में एनआईए जांच का आदेश दिया गया था तो पता चला था आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों ने हिंसा को अंजाम दिया था।