रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को चार दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया।
ईडी ने दावा किया है कि कोयला खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में सौम्या के खिलाफ कुछ अहम सबूत मिले हैं। कोर्ट से ईडी ने 10 दिनों की रिमांड मांगी थी। अफसरों ने कहा कि पूछताछ में समय लगेगा, बहुत से दस्तावेजों और सबूतों का परीक्षण चल रहा है। इस पर अदालत ने सिर्फ 4 दिन की रिमांड का आदेश दिया। अगली पेशी 6 दिसंबर को होगी।
पिछले दिनों सौम्या चौरसिया समेत प्रदेश के कई बड़े लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई थी। सौम्या के अलावा सत्ताधारी दल के करीबी सूर्यकांत तिवारी के यहां भी आयकर विभाग ने छापे मारे थे। ईडी यहां 500 करोड़ रुपये के कोयला परिवहन घोटाले की जांच कर रहा है। इस प्रकरण में एक आईएएस समीर बिश्नोई, घोटाले का मास्टर माइंड सूर्यकांत तिवारी समेत चार लोग जेल में हैं।
सौम्या का जन्म छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ है। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वो 2008 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। सौम्या चौरसिया बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन में एसडीएम भी रहीं। छत्तीसगढ़ सरकार में सौम्या चौरसिया कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। साल 2016 में सौम्या को रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस दौरान वे वित्त, सामान्य प्रशासन जैसे विभागों का प्रभार संभालती रहीं। कुछ सालों से वह मुख्यमंत्री की उप सचिव हैं।