कोलकाता : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये की नगरपालिका भर्ती मामले में चल रही जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य सरकार के दो विभागों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान विभिन्न नगर पालिकाओं में की गई भर्तियों का विवरण मांगने के लिए प्रश्नों की सूची भेजी है। जिन दोनों विभागों को प्रश्नों की सूची भेजी गई है उसमें राज्य नगरपालिका मामले तथा शहरी विकास विभाग और पश्चिम बंगाल नगरपालिका सेवा आयोग।
सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में नगर पालिकाओं में हुई भर्तियों के विवरण के अलावा ईडी ने इन दोनों विभागों से भर्ती प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी मांगी है। इस अवधि के दौरान विभिन्न नगर पालिकाओं द्वारा किराए पर ली गई आउटसोर्स एजेंसियों के बारे में भी विवरण मांगा गया है।
इस महीने की शुरुआत में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयन सिल के खिलाफ ईडी प्रवर्तन मामले की प्राथमिकी दर्ज करके मामले में औपचारिक जांच शुरू की थी। दरअसल, पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती मामले पर केंद्रीय एजेंसी की जांच के सिलसिले में सिल के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान ईडी के अधिकारियों ने नगरपालिका भर्ती से संबंधित दस्तावेज बरामद किए थे।
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी और मामले में अपनी समानांतर जांच शुरू की थी। कोलकाता में एक विशेष पीएमएलए अदालत में ईडी द्वारा दायर नवीनतम पूरक चार्जशीट में, केंद्रीय एजेंसी ने स्कूल भर्तियों और नगरपालिका भर्ती दोनों में कथित अनियमितताओं के मामलों में सिल द्वारा रुपयों की वसूली का विवरण दिया है। चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि सिल ने स्कूल भर्ती के मामले में उम्मीदवारों से 45 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि उसने नगर पालिकाओं की भर्ती के लिए लगभग 35 करोड़ रुपये एकत्र किए।
राज्य सरकार ने नगर पालिकाओं की भर्ती मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच का विरोध करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन पहले जस्टिस अमृता सिन्हा की सिंगल बेंच और फिर जस्टिस विश्वजीत बसु और जस्टिस अपूर्वा सिन्हा रॉय की खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दी थी। खंडपीठ ने इस मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।