नगरपालिका चुनाव : भारी हिंसा के बीच 76.51 फ़ीसदी मतदान, राज्यपाल ने चुनाव आयुक्त को किया तलब

कोलकाता  : पश्चिम बंगाल की 108 नगरपालिकाओं के लिए मतदान भारी हिंसा, विरोध प्रदर्शन, ईवीएम में तोड़फोड़ और पुलिस पर बमबारी व पथराव के बीच संपन्न हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए सोमवार को 12 घंटे बंद का आह्वान किया है। भारी हिंसा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त सौरभ दास को तलब किया है।

चुनाव आयोग ने एक बयान में बताया है कि शाम 5 बजे तक कुल 76.51 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। मतदान प्रतिशत का सही आंकड़ा अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। रविवार सुबह मतदान शुरू होने से पहले ही उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मेदनीपुर जिले में भारी हिंसा शुरू हो गई थी। दिनभर कई जगह विपक्षी उम्मीदवारों पर हमले, भाजपा, माकपा और कांग्रेस के पोलिंग एजेंट को मारकर मतदान बूथ से बाहर भगाने तथा मतदान करने जा रहे लोगों को डराने धमकाने के आरोप लगते रहे। इन तमाम वारदातों के लिए विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए। कई स्थानों पर अपराधी किस्म के लोग बाइक लेकर मतदान केंद्र के आसपास हंगामा करते दिखे। इस दौरान पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने के आरोप लगे है।

भाटपाड़ा में भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पर ईंट व पत्थर फेंकने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेता को भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की। बाद में पुलिस ने एस्कॉर्ट कर उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचाया। इसके अलावा सुबह के समय जब बहरामपुर के अधिकतर मतदान केंद्रों से कांग्रेस के पोलिंग एजेंट को मारपीट कर निकाल दिया गया था तो अधीर रंजन चौधरी उन्हें अपनी गाड़ी में बैठा कर मतदान केंद्र के अंदर ले गए।

खड़गपुर में पुलिस के सामने ही ईवीएम तोड़ने की घटना हुई है। दक्षिण 24 परगना के जयनगर में मतदान केंद्र के पास गोलीबारी हुई और कमरहटी में तो कथित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के संरक्षित अपराधियों ने लोगों को डराने धमकाने के लिए बमबारी की और बूथ कैप्चरिंग कर दूसरी पार्टियों के पोलिंग एजेंट को मारपीट कर भगा दिया। बाद में स्थानीय लोगों के विरोध करने पर अपराधी अपनी बाइक छोड़कर फरार हो गए। आरोप है कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने गुस्से में पुलिसकर्मियों को भी घेर लिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त किया गया। दक्षिण 24 परगना में एक महिला उम्मीदवार की साड़ी खोलने का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा जबकि बांकुड़ा और उत्तर 24 परगना में कथित तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं ने तृणमूल उम्मीदवार को जमीन पर पटक कर मारा पीटा है।

दिनभर की हिंसक घटनाओं को चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। आरोप है कि दिनभर हिंसा और हंगामे के बाद जब विपक्षी नेताओं ने आयोग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे तो किसी ने भी जवाब नहीं दिया। विपक्ष के नेताओं ने धांधली के दौरान पुलिस के मूकदर्शक रहने के साथ प्रशासन और चुनाव आयोग पर तृणमूल की गुंडागर्दी के लिए मिलीभगत का आरोप लगाए। राज्यपाल ने मतदान के दौरान हिंसक घटनाओं के लिए राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त को तलब किया है। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने चुनाव खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर मतदान के दौरान व्यापक हिंसा के विरोध में पार्टी की ओर से सोमवार को 12 घंटे बंद का आह्वान किया है।

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