कोलकाता : आरपीएफ/दक्षिण पूर्व रेलवे का कार्यभार संभालने के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे के आईजी कम प्रिन्सिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर डी. बी. कसर ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए विभिन्न पहलों की जानकारी देने के लिए मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि द.पू.रे. की ओर से सीसीटीवी, बैगेज स्कैनर, अंडर व्हीकल इंस्पेक्शन सिस्टम (यूवीआईएस) आदि जैसे आधुनिक सुरक्षा उपकरणों की स्थापना पर भी जोर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप स्टेशनों और ट्रेनों को अधिक सुरक्षित बनाया गया है। ‘माई सहेली’ को महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था ताकि रेलवे को सभी महिला यात्रियों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित स्थान बनाया जा सके। माई सहेली की टीम में महिला उप-निरीक्षकों के नेतृत्व में 02 पुरुष सशस्त्र कर्मियों की नियुक्ति रहती है। महिला अधिकारी/कर्मचारी महिला यात्रियों के साथ बातचीत करते हुए उन्हें यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देते हैं और उनकी यात्रा का विवरण प्राप्त करते हैं। इस प्रकार एकत्रित की गई जानकारी को गूगल शीट पर अपलोड किया जाता है और लाइव निगरानी के लिए ट्रेन के रास्ते में आने वाले सभी मंडलों के साथ साझा किया जाता है। गंतव्य स्टेशन पर माई सहेली की टीम यात्रियों से फीडबैक लेती है। इस प्रकार एकत्रित फीडबैक को उस ट्रेन की गूगल शीट में अपलोड कर दिया जाता है। वर्तमान में दक्षिण पूर्व रेलवे के हावड़ा/शालीमार/संतरागाछी और रांची से चलने वाली औसतन 50 दैनिक/साप्ताहिक ट्रेनें इस परियोजना के अंतर्गत आती हैं। इस ऑपरेशन के तहत कई अच्छे काम किए गए हैं जिसके लिए हाल ही में इसे ऑर्डर ऑफ मेरिट स्कॉच अवार्ड मिला है। इस ऑपरेशन के कारण वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ एक भी अपराध दर्ज नहीं हुए हैं।
द.पू.रे में ऑपरेशन “नन्हें फरिश्ते” (चरण- II) का शुभारंभ
डी. बी. कसर ने बताया कि ‘नन्हें फरिश्ते फेज-2’ को भी बचाव, तस्करों की गिरफ्तारी और बच्चों के पुनर्वास के लिए शुरू किया गया था। लेडी आईपीएफ व उनकी टीम के साथ डीएससी/आरपीएफ/रांची को इस ऑपरेशन का कमांडेंट बनाया गया था। इसके तहत कई अच्छे कार्य पूरे हुए हैं। अब तक 19 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य विवरणों का उल्लेख नीचे किया जा रहा है। इस ऑपरेशन को ऑर्डर ऑफ मेरिट स्कॉच अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।