कोलकाता : गुरुवार को हिंदी विभाग, विद्यासागर कॉलेज फॉर वूमेन, IQAC, विद्यासागर कॉलेज फॉर वूमेन एवं विद्यासागर मेट्रोपॉलिटन कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ‘हिंदी भाषा एवं साहित्य के विकास में पश्चिम बंगाल का योगदान’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता हिंदी विभाग, कोलकाता विश्वविद्यालय की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल हिंदी अकादमी की वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर डॉ. राजश्री शुक्ला उपस्थित रहीं। साथ ही उपस्थित रहे शुभ शारदा कॉलेज, बीकानेर, राजस्थान के पूर्व प्रोफेसर, भारतीय विद्या मंदिर के निदेशक एवं वैचारिकी पत्रिका के संपादक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बाबूलाल शर्मा।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं पं. ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्तियों पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि करके हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
तत्पश्चात विद्यासागर कॉलेज फॉर वूमेन की प्राचार्या डॉ. सुतपा रॉय ने अपने स्वागत वक्तव्य में मंचस्थ सभी अतिथियों एवं सभागार में उपस्थित विविध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से आए तमाम शोधार्थियों, शिक्षकों एवं अपने महाविद्यालय के विद्यार्थियों का स्वागत किया।
उनके स्वागत वक्तव्य के उपरांत मेट्रोपॉलिटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अर्घ्य सरकार द्वारा संगोष्ठी के आयोजनकर्ताओं एवं विद्यार्थियों के लिए आशीर्वचन कहे गए।
उसके बाद IQAC की प्रतिनिधि के तौर पर कॉलेज की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. मौली घोष द्वारा कार्यक्रम को शुभकामना संदेश दिया गया।
मुख्य वक्तव्य के पूर्व हिंदी विभाग, विद्यासागर कॉलेज फॉर वूमेन के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत सिंह ने विषय प्रवर्तन किया एवं पश्चिम बंगाल और हिंदी के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डालते हुए इतिहास, साहित्य, पत्रकारिता से लेकर अकादमिक जगत तक के अंतर्संबंधों पर आलोकपात किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित प्रोफेसर राजश्री शुक्ला ने तमाम तथ्यों एवं विश्लेषण के माध्यम से हिंदी के विकास में पश्चिम बंगाल की बौद्धिक समृद्धि और उसकी चेतनशीलता के योगदान पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बाबूलाल शर्मा ने हिंदी भाषी क्षेत्र का पश्चिम बंगाल की संस्कृति, भाषा, सभ्यता एवं जातीयता से अंतर्संबंधों पर बहुत विस्तार से प्रकाश डाला।
अध्यक्षीय वक्तव्य के उपरांत कोलकाता विश्वविद्यालय के कुछ शोधार्थियों ने अलग-अलग विषयों पर शोध पत्रों की प्रस्तुति भी की।
इस एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विविध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ बड़ी संख्या में शिक्षक वृंद भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सूफिया यासमीन ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग के ही प्राध्यापक डॉ. मो. आसिफ आलम ने किया।