कोलकाता : पुलिस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसाग्रस्त संदेशखाली जा रहे ‘इंडियन सेक्युलर फ्रंट’ (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए संदेशखाली की ओर जा रहे कांग्रेस के एक दल को भी नजात के पास रोक दिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि भांगड़ से विधायक सिद्दीकी को सीआरपीसी की धारा 151 (संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए गिरफ्तारी) के तहत कोलकाता में साइंस सिटी के पास गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि उत्तर 24 परगना जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए संदेशखाली के संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। सिद्दीकी ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों गिरफ्तार किया है। यह जगह संदेशखाली से कई किलोमीटर दूर है। मैं संदेशखाली के ग्रामीणों से मिलने के लिए वहां जा रहा था। मैंने कोई नियम या कानून नहीं तोड़ा।”
विधायक ने कहा, “उन्होंने मुझे संदेशखाली से 62 किलोमीटर दूर रोका लेकिन राज्य के दो मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस जब वहां गए तो उन्होंने उन्हें नहीं रोका। पुलिस सिर्फ विपक्ष को संदेशखाली जाने से रोक रही है। वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?”
सिद्दीकी अपने दो सुरक्षा गार्डों के साथ सुबह करीब नौ बजे साइंस सिटी पहुंचे जब कोलकाता पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने उन्हें रोक दिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “संदेशखाली के कुछ इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। हमलोगों को उन क्षेत्रों में जाने की अनुमति देकर कानून- व्यवस्था में व्यवधान की अनुमति नहीं दे सकते। इसलिए उन्हे रोका गया।”
आईएसएफ विधायक को लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।
माकपा-भाजपा ने उठाए सवाल
सिद्दीकी की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि पुलिस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निर्देश पर काम कर रही है। भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा, “तृणमूल शासन के तहत, पश्चिम बंगाल में अराजकता व्याप्त है। पुलिस ने हमारे नेता सुकांत मजूमदार के साथ भी यही किया था।
उल्लेखनीय है कि संदेशखाली जाने के क्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को भी रोका गया था।