कोलकाता : पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में दौरा करने वाली राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की टीम ने दिल दहलाने वाला खुलासा किया है। पता चला है कि जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपित तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगी गरीब आदिवासी परिवारों से मनरेगा की मजदूरी जबरदस्ती ले लेते थे और पार्टी के खिलाफ वोट करने पर उन्हें प्रताड़ित करते थे।
शिकायतकर्ताओं ने उपाध्यक्ष अनंत नायक के नेतृत्व वाली एनसीएसटी की तीन सदस्यीय टीम को बताया गया कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां और उसके साथियों को कथित तौर पर संरक्षण दिया। आयोग को शाहजहां और उसके सहयोगियों द्वारा आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने की 50 से अधिक शिकायतें मिली हैं। शाहजहां गरीब आदिवासी लोगों को अपनी मनरेगा की कमाई उसे देने का निर्देश देता था। ज्यादातर पीड़ित हिंदू हैं।
शाहजहां और उसके सहयोगियों ने चुनाव में अन्य पार्टियों को वोट देने वाले लोगों को प्रताड़ित किया। उन्होंने कहा कि आयोग को पता चला है कि शाहजहां और उसके सहयोगी स्थानीय महिलाओं को देर रात बैठकों में आने के लिए कहते थे और जो लोग उनकी मांगें नहीं मानते थे, उनके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करते थे। पुलिस से शिकायत करने पर शाहजहां से समझौता करने को कहा जाता था। शाहजहां ने 10 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में एक हजार से अधिक आदिवासी और गैर-आदिवासी लोगों की जमीन कथित तौर पर हड़प ली है। एनसीएसटी की यह रिपोर्ट अब केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन को भेजी जा रही है।