कोलकाता : पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने निवर्तमान राज्यपाल जगदीप धनखड़ से अलग राह चुनी है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होने के नाते उन्होंने कुलपतियों की बैठक तो बुलाई लेकिन सीधे तौर पर नहीं बल्कि राज्य शिक्षा विभाग के जरिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने इसी नियम की शुरुआत की थी। पूर्ववर्ती राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस नियम को नहीं मानते थे जिसकी वजह से उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में कोई भी कुलपति शामिल नहीं होता था।
शनिवार को राजभवन की ओर से शिक्षा विभाग में एक आमंत्रण पत्र भेजा गया है जिसके जरिए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आगामी 17 जनवरी को बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य शिक्षा विभाग ने राज्यपाल की इस कोशिश को सकारात्मक पहल के तौर पर लिया है और कुलपतियों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद 18 जनवरी को भी राजभवन में एक बैठक होगी जिसमें राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया है।
खासतौर पर उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर जिन तीन लोगों के नाम की सिफारिश की गई है उनके साथ भी राज्यपाल अलग से बैठक करेंगे। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुबिरेश भट्टाचार्य फिलहाल जेल में हैं। उनकी जगह ओम प्रकाश मिश्रा को स्थाई कुलपति के तौर पर नियुक्त किया गया है। अब वहां स्थाई नियुक्ति के लिए राज्यपाल की बैठक होगी। 17 जनवरी को सुबह 11:00 बजे से वर्चुअल बैठक है।
वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल सरकार ने नियम बनाया था कि राज्यपाल सीधे तौर पर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ संपर्क स्थापित नहीं कर पाएंगे बल्कि उन्हें इसके लिए शिक्षा विभाग के जरिए आमंत्रण देना होगा। उस नीति को मानते हुए नवनियुक्त राज्यपाल ने आमंत्रण भेजा है। इसके अलावा 22 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है। इस संबंध में भी उस बैठक में बातचीत होगी।