कोलकाता : पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभायात्राओं पर हमले के बाद भड़की हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें कहा गया कि ममता बनर्जी की सरकार की विफलता की वजह से हिंसा भड़की और फैली। रिपोर्ट में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किये गए हैं।
पिछले सप्ताह जब एनएचआरसी की टीम हावड़ा और हुगली में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए जा रही थी तब पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। टीम में पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में छह सदस्य शामिल थे।
जस्टिस रेड्डी ने कहा है कि मानवाधिकार आयोग की टीम को धारा 144 लागू होने का हवाला देकर मौके पर नहीं जाने दिया गया जो सरकार के डर को उजागर करने वाला था। हिंसा के कारणों का खुलासा होने के डर से फैक्ट फाइंडिंग टीम को मौके पर नहीं जाने दिया गया।
जस्टिस रेड्डी ने यह भी कहा है कि रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव और आगजनी के बाद हिंसा भड़की। कई जगह बमबारी हुई जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। पुलिस को हालात संभालने के लिए जो करना चाहिए था वह नहीं किया गया। उल्टे विपरीत कार्रवाई हुई। अब इस संबंध में जल्द ही राज्य के पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की जाएगी।