कोलकाता : संदेशखाली मामले में गिरफ्तार पूर्व माकपा विधायक निरापद सरदार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया और उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी है।
सरदार ने शेख शाहजहां के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में शाहजहां के करीबी शिव प्रसाद हाजरा उर्फ शिबू की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सरदार को गिरफ्तार कर लिया। माकपा के पूर्व विधायक 17 दिनों से जेल में हैं। हालांकि ग्रामीणों के दबाव में बाद में पुलिस को शिबू हाजरा को भी गिरफ्तार करना पड़ा। मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि उन्हें 24 घंटे के भीतर जमानत पर रिहा किया जाए। यदि आदेश की अवहेलना की गयी तो हाई कोर्ट इसे न्यायालय की अवमानना मानेगा। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि उस मामले में नोटिस भी जारी किया जा सकता है। कोर्ट ने इस घटना पर जिला पुलिस अधीक्षक से भी रिपोर्ट मांगी है।
जस्टिस गेवांग्शु बसाक ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि जिस मामले में निरापद सरदार को गिरफ्तार किया गया था, उस मामले में पुलिस ने 10 फरवरी को आरोप पत्र दायर किया था। लेकिन पुलिस ने नौ तारीख को एफआईआर दर्ज की। हाईकोर्ट यह देखकर हैरान रह गया कि शिकायत दर्ज होने से पहले ही एफआईआर कैसे दर्ज कर ली गई।
जस्टिस बसाक ने पूछा कि पुलिस के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जायेगी? कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से निरापद को इतने लंबे समय तक हिरासत में रखा गया है वह सही नहीं है। किसी को भी इस तरह हिरासत में नहीं रखा जा सकता।