Bihar : नीतीश कैबिनेट ने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर किया 75 प्रतिशत, 9 को विस में पेश होगा बिल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का दायरा बढ़ाते हुए इसे 75 प्रतिशत तक कर दिया गया। बिहार विधानसभा में आज जातीय जनगणना की रिपोर्ट पेश होने के बाद नीतीश कुमार ने एलान किया था कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाई जायेगी। इसके कुछ घंटे बाद ही कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें आरक्षण की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।

नीतीश कैबिनेट से पास बिल में नये सिरे से आरक्षण देने का प्रस्ताव किया गया है। नये सिरे से आरक्षण के मुताबिक अनुसूचित जाति यानी एससी को पहले से मिल रहे 16 परसेंट के बजाय 20 परसेंट आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया है। अनुसूचित जनजाति यानि एसटी को पहले से मिल रहे एक परसेंट आरक्षण के बजाय दो परसेंट आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है। अति पिछड़े तबके यानी ईबीसी के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है। ओबीसी को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है। इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े यानी ईडब्ल्यूएस वर्ग को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जायेगा। कुल मिलाकर आरक्षण 75 प्रतिशत होगा।

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सरकार ने तय किया है कि वह 9 नवंबर को बिहार विधानसभा में आरक्षण बढ़ाए जाने का बिल लाएगी। चूंकि, पहले से तैयारी थी। इसलिए नीतीश कैबिनेट ने विधानसभा में जातीय जनगणना की रिपोर्ट पेश होते ही बिहार आरक्षण बिल-2023 पर मुहर लगा दी। कैबिनेट की बैठक में गरीब परिवारों की मदद के लिए सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत मदद राशि बढ़ाने का भी फैसला लिया है। नीतीश कुमार ने आज ही ये एलान किया है कि बिहार के 94 लाख 42 हजार गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए किश्तों में दो लाख रुपये की मदद दी जायेगी। इस पर भी कैबिनेट की मुहर लग गयी।

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