इतिहास के पन्नों में 11 नवंबरः चार साल चला युद्ध, 1.7 करोड़ लोग हताहत

देश-दुनिया के इतिहास में 11 नवंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह ऐसे युद्ध के समापन के लिए भी जानी जाती है, जिसका समापन इसी तारीख को हुआ था। दुनिया का सबसे भीषण महायुद्ध यानी पहला विश्वयुद्ध 28 जून, 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के युवराज फ्रांत्स फर्डिनांड की हत्या से शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को खत्म हुआ था। करीब चार साल तक चले इस महायुद्ध में 1.7 करोड़ लोगों की जान गई। इसे आधुनिक इतिहास का पहला ‘वैश्विक महाभारत’ भी कहा जा सकता है।

28 जून, 1914 को फर्डिनांड अपनी पत्नी सोफी के साथ बोस्निया के दौरे पर थे। वहीं उनकी हत्या हुई थी। इस हत्या से ऑस्ट्रिया का राजघराना बौखला गया और उसे हत्या में सर्बिया की साजिश लगी। ऑस्ट्रिया-हंगरी के सम्राट फ्रांत्स योजेफ ने 28 जुलाई 1914 को सर्बिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। इस महायुद्ध में लाखों भारतीय सैनिक ब्रिटेन की ओर से लड़े। पहले विश्वयुद्ध वाले दिनों में मिडिल-ईस्ट भेजे गए भारतीय सैनिकों में से 60 प्रतिशत मेसोपोटेमिया (वर्तमान इराक) में और 10 फीसदी मिस्र और फिलिस्तीन में लड़े। इन देशों में वे लड़ाई से ज्यादा बीमारियों से मारे गए।

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यह पहला युद्ध था, जिसमें यूरोप के ज्यादातर देश शामिल थे। रूस, अमेरिका, मिडिल ईस्ट और अन्य इलाकों में भी यह युद्ध लड़ा गया। मुख्य रूप से यह युद्ध सेंट्रल पॉवर्स यानी जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्किये के खिलाफ मित्र गुट यानी फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान और 1917 से अमेरिका ने लड़ा। यह युद्ध सेंट्रल पॉवर्स की हार के बाद ही खत्म हुआ। 11 नवंबर, 1918 को युद्धविराम से पहले ही जर्मनी में जन असंतोष इतना बढ़ गया था कि सम्राट विलहेल्म द्वितीय को सिंहासन छोड़ना पड़ा और नीदरलैंड में शरण लेनी पड़ी।

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