देश-दुनिया के इतिहास में 16 अक्टूबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। द वॉल्ट डिज्नी कंपनी के लिए यह कभी न भूलने वाली तारीख है।आज यह कंपनी अंतरराष्ट्रीय मनोरंजन उद्योग की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। डिज्नी ब्रदर्स वॉल्ट और रॉय ने डिज्नी ब्रदर्स कार्टून स्टूडियो नाम से 16 अक्टूबर, 1923 को यह कंपनी बनाई थी। शुरू में डिज्नी ब्रदर्स को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।
मगर पांच साल बाद मई 1928 में मिकी हाउस ने न केवल वॉल्ट डिज्नी को पहचान दिलाई, बल्कि ऐसी सफल कहानी लिखी कि पूरी दुनिया आज भी देख रही है।
वॉल्ट को मिकी का आइडिया भी अजीब तरह से आया था। वे कैंसास स्टूडियो में बैठे थे तभी उनके टेबल पर एक चूहा चढ़ गया था। उसकी हरकतें देखकर ही मिकी बनाया और उसी मिकी ने डिज्नी को अपना सुनहरा दौर दिखाया। चार साल पहले वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने 71 अरब डॉलर की डील कर 21 सेंचुरी फॉक्स को खरीदा। इसके बाद स्टार इंडिया भी वॉल्ट डिज्नी का हिस्सा हो गया। इस डील ने मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव ला दिया है। इससे डिज्नी को टाटा स्काई और एंडेमोल शाइन ग्रुप का मालिकाना हक मिला। भारत में हॉट स्टार का नाम बदलकर डिज्नी हॉट स्टार किया गया। द वॉल्ट डिज्नी कंपनी का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के बरबैंक में हैं।
इसके अलावा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बंग-भंग आंदोलन का बहुत महत्व है। सही मायनों में इसने ही देश में राष्ट्रवाद के बीज बोए। मुसलमानों और हिंदुओं को बांटने के लिए अंग्रेजों ने बंगाल के मुस्लिम-बहुल क्षेत्र को मिलाकर नया प्रांत बनाया। 16 अक्टूबर, 1905 से यह बंटवारा लागू हुआ। इसके खिलाफ न केवल नेता, बल्कि बच्चे-बूढ़े, महिला-पुरुष सब सड़कों पर आ गए। पूरे बंगाल में इसे शोक पर्व के रूप में मनाया गया। रवीन्द्रनाथ टैगोर तथा अन्य प्रबुद्ध लोगों ने आग्रह किया कि इस दिन सब लोग एक-दूसरे के हाथ में राखी बांधें। संकल्प लें कि जब तक यह काला आदेश वापस नहीं लिया जाता, वे चैन से नहीं बैठेंगे। छह साल तक आंदोलन चला। लाल, बाल, पाल की तिकड़ी ने पूरे देश में इसे पहुंचाया। ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने 11 दिसम्बर, 1912 को दिल्ली में दरबार लगाकर यह आदेश वापस लिया। इतना ही नहीं उन्होंने वायसराय लार्ड कर्जन को वापस बुलाकर उसके बदले लार्ड हार्डिंग को भारत भेजा। यह भी महत्वपूर्ण है कि
यूनाइटेड नेशंस (यूएन) फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) की स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को हुई थी। 1979 में रोम में एफएओ के इवेंट में तय हुआ कि 1981 से हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे के तौर पर मनाया जाएगा। हर साल एक अलग थीम तय की जाती है। यह दिन फूड सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करना है।