इतिहास के पन्नों में 19 अक्टूबरः दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाला मिग-21 वायु सेना के बेड़े में शामिल

देश-दुनिया के इतिहास में 19 अक्टूबर की तारीख तमाम अहम से वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय वायु सेना के लिए खास है। 19 अक्टूबर,1960 में भारत में बना पहला मिग-21 वायु सेना के बेड़े में शामिल हुआ था। हालांकि इससे पांच-छह साल पहले मिग-21 वायु सेना में आ गए थे, लेकिन वह सभी रूस में बने थे।

रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर रहा है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में वायु सेना में शामिल किया गया। तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने 1985 में इसका निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।

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पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने जब पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बेस पर एयर स्ट्राइक की तो तनाव बढ़ा। विंग कमांडर अभिनंदन का फाइटर जेट क्रैश हुआ तो वह भी मिग-21 ही था। इस लड़ाकू जेट को आज भले ही ‘उड़ता ताबूत’ कहा जाता हो मगर यह भारतीय वायु सेना के लिए करिश्माई योद्धा से बढ़कर रहा है।

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