पटना : लोक आस्था के महापर्व चैती छठ पर मंगलवार को चौथे दिन पटना के गंगा घाटों पर व्रतियों ने उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही चार दिनों के इस महा अनुष्ठान का समापन हो गया।
इससे पहले चैती छठ महापर्व के तीसरे दिन सोमवार की शाम अस्तचलगामी सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य दिया। रविवार को खरना पूजा के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ था।आज मृगशिरा नक्षत्र में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन हो गया। सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को संध्याकाल में शाम 6:05 बजे तक पहला अर्घ्य दिया गया।
छठ व्रतियों ने जिस घाट पर शाम को भगवान को अर्घ्य दिया था, सुबह भी उसी घाट से अर्घ्य दिया। इसके लिए घाट की साफ सफाई प्रशासिनक स्तर पर पिछले कई दिनों से चल रही थी। कई व्रती रात को घाटों पर ही रुक जाते हैं और भगवान भास्कर की उपासना में लीन नजर आए। वहीं कई व्रती वापस घर को आ जाते हैं और अगले दिन अहले सुबह फिर घाटों की ओर रवाना होते हैं। इस दौरान व्रती रास्ते में दंडवत करते हुए आगे बढ़ते हैं और उनका आशीर्वाद लेकर दूसरे श्रद्धालु भी पुण्य प्राप्त करते हैं।
व्रती मंगलवार को भगवान भास्कर के उदय होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सुबह सूर्य देवता के दर्शन करने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। सूर्योदय का समय 6 बजकर 16 मिनट पर था लेकिन अर्घ्य अर्पित करने का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 55 मिनट पर ही था।