कोलकाता : तीसरी बार राज्य में सरकार गठन की दूसरी वर्षगाँठ के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वीडियो संदेश जारी कर केंद्र की भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्षी एकजुटता का आह्वान किया है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर इस दिन को काले दिन के तौर पर मना रही है, वहीं दूसरी ओर ममता ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि हम लोगों ने सोचा था कि 34 सालों के अत्याचारी वाममोर्चा सरकार के खत्म होने के बाद केंद्र सरकार से हमें सहानुभूति मिलेगी। हमारे न्यायिक तौर पर जो केंद्र से मिलने चाहिए वह मिलेंगे लेकिन केंद्र तो 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना का भी पैसा रोक रहा है। बावजूद इसके हम लोगों ने 10 हजार करोड़ कार्य दिवस सृजित किया है। वीडियो संदेश में उन्होंने दावा किया है कि उनकी सरकार ने कई लोक कल्याणकारी योजनाएं चलायीं जिससे बंगाल के हर तबके को लाभ हुआ। बावजूद इसके इन योजनाओं को रोकने के लिए तमाम तरह के दुष्प्रचार किए गए, साजिशें रची गईं, डराने धमकाने की कोशिश की गई लेकिन आज बंगाल सिर उठाकर खड़ा है।
प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर कटाक्ष करते हुए ममता ने कहा कि मन की बात के नाम पर झूठ की बात की जाती है।
इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता पूरे दमखम से प्रचार-प्रसार में जुटे हैं, उसका भी जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि वहां भी भाजपा ने फर्जी आश्वासन दिया है। ममता ने कहा कि हमारी लड़ाई धनबल, बाहुबल और माफिया बल के खिलाफ है। यह सरकार तानाशाह है। इसके खिलाफ बंगाल में कभी हार नहीं मानी है और एकजुट होकर ही केंद्र सरकार को हम लोग उखाड़ कर फेंक सकते हैं। ममता ने बंगाल के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी का अभिनंदन। उन्होंने कहा कि देश में बदलाव की जरूरत है। इसके बाद का चुनाव परिवर्तन का चुनाव होगा। अगर 12 सालों में हम लोग इतना कुछ कर सकते हैं, एक अत्याचारी सरकार को उखाड़ फेंक सकते हैं तो 10 सालों की एक जुमला वाली सरकार को भी उखाड़ फेंक सकते हैं। इसलिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने की जरूरत है। लोकतंत्र में लोग आखिरी बात कहें, भाजपा को परास्त करना जरूरी है।