कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी को प्रचारित करने में राज्य प्रशासन के अधिकारियों की मिली भगत के कुणाल घोष के आरोपों पर बोलने से ममता कैबिनेट में मंत्री फिरहाद हकीम ने इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस मामले में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक दिन पहले ही धर्मतल्ला की उसी जगह पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा को अनुमति दी है जहां तृणमूल कांग्रेस का शहीद दिवस कार्यक्रम होता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को तीखी फटकार लगाते हुए कहा है कि भाजपा के कार्यक्रम में हर बार राजनीतिक रंग देखा जा रहा है। अगर ऐसा चलता रहा तो तृणमूल कांग्रेस को भी कोई जनसभा नहीं करने देंगे।
इसके बाद कुणाल घोष ने कहा था कि ममता बनर्जी के सलाहकार कुछ सरकारी अधिकारी हैं जो बार-बार भारतीय जनता पार्टी को राज्य सरकार का अपमान करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जब तृणमूल कांग्रेस वहां जनसभा कर सकती है तो दूसरी पार्टी क्यों नहीं करेगी। सरकार के अधिकारी जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं ताकि ममता सरकार को कोर्ट में बेइज्जत होना पड़े। उन्होंने कहा कि चार आने की भाजपा 12 आने का प्रचार हासिल कर रही है क्योंकि अधिकारी अंदर खाने से ऐसा करवा रहे हैं।
इस पर शनिवार को फिरहाद हकीम से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार के मामले में सरकार ही बयान दे सकेगी। मुझे बोलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कुणाल घोष ने क्या कहा है इस बारे में मुझे नहीं पता है।