कोलकाता : सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता दिए देने संबंधी कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने चुटकी ली है। प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला ममता बनर्जी सरकार के चेहरे पर तमाचा है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया है।
विधायक तापस राय ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा ही सरकारी कर्मचारियों का ख्याल रखा है। दरअसल गुरुवार को हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना ही होगा। राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा कि कोर्ट का तमाचा ममता के चेहरे पर पड़ा है, बंगाल सरकार खंडपीठ में गई थी और किसी भी तरह से सरकारी कर्मचारियों को उनका हक नहीं देना चाहती है। बंगाल में भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि ममता बनर्जी अपने पसंदीदा क्लबों में रुपये बांटती हैं, अपने गुंडों को पैसे देती हैं लेकिन सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्रीय भत्ते के मुकाबले 31 फ़ीसदी कम है। सरकार को तुरंत अपना सारा खेल बंद कर सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना चाहिए।
इस पर पलटवार करते हुए तापस रॉय ने कहा कि कभी भी पश्चिम बंगाल सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं देने की बात नहीं की है। ममता बनर्जी हमेशा से ही सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में रही हैं। इसके पहले जब भी डीए देने की जरूरत पड़ी है उन्होंने दिया है। फिलहाल मामला न्यायालय के विचाराधीन है इसीलिए हाईकोर्ट के ताजा आदेश पर बहुत कुछ नहीं बोलूंगा।