कोलकाता : आचार्य तुलसी अकादमी ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 9 के छात्र नील दास ने हनोई, वियतनाम में हाल ही में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मॉडल संयुक्त राष्ट्र (आईएमयूएन) 2023 में आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। नील को आईएमयूएन की ओर से आमंत्रण मिला। उसका कार्य क्षेत्र डब्ल्यूएचओ के एक आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में आवंटित देश ऑस्ट्रेलिया के लिए दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करना था। जिसमें कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य विकास से संबंधित मुद्दे शामिल थे।
नील ने इस संवाद का नेतृत्व किया और सम्मेलन के दौरान देश में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और कैंसर रोगियों से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार को सहयोग और सलाह देने के उपायों पर अपनी राय साझा की। मानसिक स्वास्थ्य की स्थितियों से उबरने और कैंसर में सुधार के लिए उसने कुछ एडवाइजरी भी जारी की, जो कि कैंसर सरवाइवर लोगों को फायदा देगा। इससे देश के मानसिक स्वास्थ्य पीड़ितों में कमी आएगी। डब्ल्यूएचओ का एक प्रभावी आधिकारिक प्रतिनिधि बनने के लिए नील ने ऑस्ट्रेलिया के इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन शोध कार्य किया।
अंतर्राष्ट्रीय मॉडल संयुक्त राष्ट्र 2023, तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संबंध सिमुलेशन में कई देशों के कई प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। यह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों की भूमिकाओं को स्वीकार करके प्रतिभागियों को संयुक्त राष्ट्र के कामकाज और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की गतिशीलता में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। आईएमयूएन युवा प्रतिभागियों के लिए विश्व भर के नेताओं का सामने उन मुद्दों पर तर्क करने का एक जबरदस्त अवसर है, जो इन वैश्विक मुद्दों के जवाब में प्रस्तावों का मसौदा तैयार करते हैं। इससे प्रतिभागी दूसरों के साथ काम करने की अपनी क्षमता विकसित करेंगे, जो डिबेट में वैश्विक चिंताओं का जवाब देने के लिए के एकसमान रूप से प्रेरित और इच्छुक होंगे।
आचार्य तुलसी एकेडमी ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिली शाह ने कहा, “नील अन्य सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है। केवल एकेडमिक्स में नहीं, बल्कि यह भी जानना और समझना जरूरी है कि दुनिया भर में क्या चल रहा है। नील बहुत अच्छा काम कर रहा है, मैं उसे शुभकामनाएं देती हूं।”
आईएमयूएन सम्मेलन में भाग लेने के बाद नील दास ने कहा, “यह एक फ्रूटफूल अनुभव था, जहां मैं दुनिया के कई देशों के नए प्रतिनिधियों से मिला। मैंने सीखा कि कैसे बहस में अधिक सक्रिय होना चाहिए और एक इरादे के साथ आना चाहिए। यह रिसल टाइम एक्सपीरियंस था कि कैसे संयुक्त राष्ट्र नेतृत्व प्रणाली काम करती है और दुनिया भर में महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने का प्रयास करती है। साथ में लोगों को तनाव मुक्त और खुश बनाती है।
नील के माता-पिता श्री सुब्रत दास और सोमा मित्रा दास ने कहा, “यह 15 साल के बच्चे के लिए एक बहुत बड़ा ग्लोबल एक्सपोजर और उपलब्धि है। हमें बहुत गर्व और खुशी महसूस हो रही है कि उसने जटिल वैश्विक मुद्दों पर अपनी आवाज देने में रुचि दिखाई है। आज के समय में सबसे जरूरी है एक अच्छा इंसान बनना, जो न सिर्फ अपने लोगों के ही बारे में सोचे, बल्कि इस दुनिया के समूचे समाज के बारे में भी सोचे। हमें उम्मीद है कि वह यह अच्छा काम करता रहेगा और सफलता के साथ और चमकेगा।