कोलकाता : कल्याणी विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग में राज्य स्तरीय साहित्यिक संगोष्ठी का सफल आयोजन सम्पन्न हुआ। इस संगोष्ठी का विषय था – ‘भारतीयता और प्रेमचंद’। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थीं खिदिरपुर कॉलेज से प्रो. इतु सिंह एवं बंगबासी कॉलेज के शिक्षक डॉ. इबरार खान। संगोष्ठी का शुभारम्भ द्वितीय सत्र (एम.ए.) की छात्रा अंजलि चौधरी के सरस्वती वन्दना गीत से हुआ। विभाग के प्रो. हिमांशु कुमार ने स्वागत वक्तव्य दिया और इसी के साथ भारतीयता की अवधारणा पर बात करते हुए समकालीन समय में भारतीयता के मूल्यों की बातें की।
डॉ. इबरार खान ने प्रेमचंद के नाटकों के सन्दर्भ में अपनी बात कही और प्रेम, सौहार्द, भाईचारा और समता जैसे मूल्यों को भारतीयता की जड़ों के रूप में देखा। साथ ही ‘कर्बला’ नाटक में प्रेमचंद की प्रगतिशील चेतना को आज के सन्दर्भों में व्याख्यायित कर भारतीयता को व्यापक सन्दर्भ में देखने की बात कही। प्रो. इतु सिंह ने बहुत विस्तार से इस विषय की बारीकियों को रेखांकित करते हुए धार्मिकता, साम्प्रदायिकता, भाषा, राष्ट्रीयता आदि प्रश्नों के माध्यम से प्रेमचंद साहित्य में व्याप्त उन मूल्यों की चर्चा की जिससे आज का समाज काफी दूर जा चुका है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के बांटने और अलगाव करने की राजनीति का विरोध ही भारतीयता की पहचान है। विभाग के छात्रों में अनुश्री साव, देविका साहनी, शिखा सिंह, वरुण साव, अंजलि गुप्ता, अंजलि यादव, सपना शाह एवं शोधार्थी नवनीता दास ने शोध आलेख पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन विभाग के शोधार्थी अनूप कुमार गुप्ता ने किया। अंत में विभाग की अध्यक्ष डॉ. विभा कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।