कोलकाता : हिन्दी विभाग, सेंट पॉल्स कैथेड्रल मिशन कॉलेज में अमृतलाल नागर की यशस्वी कृति ‘मानस का हंस’ के प्रकाशन का 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर छात्र संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस साहित्यिक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कमलेश कुमार पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में अमृतलाल नागर की कृति ‘मानस का हंस’ के वैचारिक अवदान पर जोर देते हुए उसकी पठनीयता पर अपने विचार रखें। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक विजय शंकर मिश्रा ने छात्र संगोष्ठी की महत्ता, छात्रों की सहभागिता के सामंजस्य पर बल देते हुए उनके व्यक्तित्व के विकास को जरूरी पक्ष बताया।
विशिष्ट वक्ता उमेशचंद्र कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार ने इस संगोष्ठी की सराहना करते हुए ‘मानस का हंस’ की प्रासंगिकता और मौजूदा समाज में साहित्य की आवश्यकता पर अपने विचार रखें।
छात्र संगोष्ठी में आयशा नाज, राहुल सिंह, विवेक तिवारी, सचिन शर्मा, अलका कुमारी और सोनाली प्रसाद ने ‘मानस का हंस’ पर अपने-अपने संगोष्ठी पत्र का वाचन किया। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान क्रमशः अलका कुमारी, विवेक तिवारी एवं आयशा नाज रहें। कार्यक्रम की रूपरेखा एवं स्वागत भाषण विभाग के प्राध्यापक डॉ. विकास कुमार साव ने दिया जबकि कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रो. आरती यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. परमजीत कुमार पंडित ने किया।