नयी दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) हमारा है। हम उसे लेकर रहेंगे। उस क्षेत्र के लिए हमने 24 सीटें आरक्षित रखी हैं।
शाह ने सोमवार राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान कहा कि पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब नए परिसीमन आयोग के बाद वहां 43 सीटें की गई हैं। पहले कश्मीर में 46 सीटें थीं जिसे बढ़ाकर 47 कर दी गई हैं। परिसीमन आयोग की इस रिपोर्ट को हमने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि पीओके हमारा है। उसे कोई हमसे छीन नहीं सकता है।
शाह ने कहा कि धारा 370 को हटाने के लिए जो पहल हमारी पार्टी, संसद और राष्ट्रपति की थी उसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। हमारे कदम न्यायसंगत, राष्ट्रसंगत और जम्मू-कश्मीर के हित में थे। सुप्रीम कोर्ट ने आज याचिकाकर्ताओं के सारे तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब जम्मू-कश्मीर के संविधान का कोई मतलब नहीं है। विपक्ष के सारे तर्क अब कुतर्क साबित हो गए हैं।
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 80 के दशक में आतंकवाद की शुरुआत हुई। जिसके कारण बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा। कश्मीरी पंडित अपने ही देश में विस्थापित कहे जाने लगे। 46 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। हमारी सरकार अब उनके खोए हुए सम्मान को वापस दिला रही है। एक लाख से अधिक लोग कश्मीर लौट रहे हैं।
शाह ने कहा कि कश्मीर में जो युवा पत्थर लेकर घूमा करते थे वह आज लेपटॉप लेकर घूम रहे हैं। कश्मीर की जनता अब विकास और संविधान की बात करती है। कांग्रेस की 40 साल की गलतियों को हम एक-एक करके सुधार रहे हैं। यूपीए के शासनकाल में 07 हजार 217 आतंकी घटनाएं हुई थी लेकिन मोदी सरकार में आतंकी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है। पथराव की पूरी घटनाएं समाप्त हो गई हैं। आतंक के इको सिस्टम को हमने तबाह कर दिया है।
शाह ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले आतंकियों के जनाजे में हजारों की भीड़ आती थी। अब ऐसा नहीं होता है। आतंकी जहां मारा जाता है वहीं उसे दफना दिया जाता है। आतंक को पनाह देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है।