कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने और एक स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच कराने की मांग वाली याचिका दायर करने की अनुमति दे दी।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आठ जुलाई को हुए चुनावों के दौरान अभूतपूर्व हिंसा से पूरा पश्चिम बंगाल थर्रा गया था। यह दावा करते हुए कि अधिकांश मृतक समाज के गरीब, कमजोर और वंचित वर्गों से थे, उन्होंने अदालत से प्रार्थना की कि मृतकों के परिजनों और घायलों को मौद्रिक मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने हत्याओं, आग्नेयास्त्रों और कच्चे बमों के इस्तेमाल सहित हिंसा की घटनाओं की एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग की। न्यायाधीश टीएस शिवगणन और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने उन्हें याचिका दायर करने की अनुमति दे दी। चौधरी ने मुआवजा देने की प्रार्थना की ताकि मृतकों का दाह संस्कार और घायलों का इलाज ठीक से हो सके।
त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के लिए शनिवार को 61 हजार से अधिक बूथों पर मतदान हुआ। कई स्थानों पर कथित तौर पर फर्जी वोट डाले गए और मतपेटियों को लूट लिया गया, आग लगा दी गई या तोड़फोड़ की गई, जिससे राजनीतिक झड़पें हुईं।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कुल 5.67 करोड़ लोग पंचायत प्रणाली की 73 हजार 887 सीटों पर वोट हुआ। 2.06 लाख उम्मीदवार चुनावी मैदान है।