नयी दिल्ली : संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दोनों सदनों की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के चलते दो बार स्थगित होने के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष से सदन को चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों के अनुरुप चर्चा को तैयार है। फिर भी विपक्ष दोहरे मानदंड अपना रहा है।
संसदीय कार्यमंत्री रिजिजू ने लोकसभा में दो बार के स्थगन के बाद विपक्ष से अनुरोध किया कि वे सदन को चलने दें। उन्होंने बताया कि कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा हुई थी जिसे अंतिम रुप नहीं दिया गया है। विपक्ष सरकार से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चाहता है जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है लेकिन विपक्ष के सभी मुद्दों पर एक साथ चर्चा संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में ऑपरेशन सिंदूर पर किस नियम के तहत कितनी देर चर्चा होनी है तय किया गया है। एक साथ सभी मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं है। विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा है और सरकार इसे स्वीकार कर रही है ऐसे में विपक्ष का दोहरा मानदंड नहीं चलेगा। देश के करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
इसके बाद पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने विपक्ष से सरकार के अनुरोध पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सदन में प्लेकार्ड और पोस्टर लाना गणतंत्र के लिए ठीक नहीं है। शोर-शराबा रुकते न देख उन्होंने कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। राज्यसभा में भी यही स्थिति रही और उपसभापति हरिवंश को कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ी।
लोकसभा में सुबह कार्यवाही की शुरुआत में अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को हंगामे के दौरान नारेबाजी नहीं करने और तख्तियां लेकर नहीं आने के लिए कहा। उनके बार-बार कहने पर भी हंगामा जारी रहा, जिसके चलते कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी। दोपहर 12 बजे भी कार्यवाही नहीं चली और दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
दूसरी ओर राज्यसभा में आज उपसभापति हरिवंश ने कार्यवाही प्रारंभ की। उन्होंने शून्यकाल को चलने देने का अनुरोध किया। विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 12 बजे दोबारा सदन शुरु होने पर हंगामा जारी रहा और कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गयी।
संसद सत्र के पहले दिन सोमवार को भी दोनों सदनों में व्यवधान रहा। विपक्ष पहलगाम मुद्दे पर चर्चा की मांग करता रहा है। इसी बीच बीती रात उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।