पार्थ चटर्जी और सहयोगियों पर हजारों नौकरीपेशा लोगों से पैसे वसूलने का आरोप, सीबीआई ने दायर की चार्जशीट

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनके सहयोगियों पर नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से बड़ी धनराशि वसूलने का आरोप लगाया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को इस मामले में 40 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में दावा किया गया है कि पार्थ और उनके सहयोगियों ने एक हजार से अधिक उम्मीदवारों से अवैध रूप से पैसे वसूले। सीबीआई ने बताया कि प्राइमरी भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी ने प्रमुख भूमिका निभाई है। पिछले साल एक अक्टूबर को सीबीआई ने उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया था। चार्जशीट में पार्थ के साथ अयन शील और संतु गंगोपाध्याय का नाम भी शामिल है।

पार्थ चटर्जी, जो पहले ही दो साल से अधिक समय से जेल में हैं, ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक अलग मामले में पार्थ को शर्तों के साथ जमानत मंजूर की गई थी, लेकिन वह अब तक लागू नहीं हो सकी है।

भ्रष्टाचार के खुलासे से बढ़ी बंगाल की राजनीति में हलचल

भर्ती घोटाले ने लंबे समय से बंगाल की राजनीति को सरगर्म कर रखा है। पार्थ चटर्जी के अलावा कई उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं, जिससे भ्रष्टाचार का जाल और गहराता गया।

पार्थ चटर्जी के वकील ने हाल ही में ईडी के एक मामले से राहत पाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। वकील ने दावा किया था कि पार्थ के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है। लेकिन सीबीआई द्वारा दायर की गई नई चार्जशीट ने उनके खिलाफ आरोपों को और गंभीर बना दिया है।

चार्जशीट में क्या है खास?
सीबीआई की 40 पन्नों की चार्जशीट में बताया गया है कि पार्थ और उनके सहयोगियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर उम्मीदवारों से भारी रकम वसूली। घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों और संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।

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