कोलकाता : तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे नेताओं को नसीहत देते हुए कहा है कि इससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई बयान देना है तो पार्टी फोरम में दे, सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी की कोई जरूरत नहीं है।
दरअसल पश्चिम बंगाल में चार नगर निगमों में प्रस्तावित चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि वह निजी तौर पर चाहते हैं कि चुनाव को अगले दो महीने के लिए टाल दिया जाए।
इसके बाद सांसद सौगत रॉय ने कहा था कि अभिषेक बनर्जी का बयान ही पार्टी का आधिकारिक बयान है। इस पर पलटवार करते हुए लोकसभा में पार्टी के चीफ व्हिप और श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छोड़कर किसी और को अपना नेता नहीं मानते हैं, अभिषेक बनर्जी का नेतृत्व अभी साबित नहीं हुआ है। अगर अभिषेक खुद को पार्टी के नेता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्हें गोवा चुनाव जीतकर दिखाना होगा।
इसके बाद तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी कल्याण बनर्जी पर हमला बोल दिया था। सांसद महुआ मोइत्रा ने भी कल्याण बनर्जी पर हमला बोला था। कई सांसदों ने लिखित तौर पर ममता बनर्जी के पास कल्याण बनर्जी के खिलाफ लिखित शिकायत करने की योजना बनाई थी। हालांकि अब तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बनर्जी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि पार्टी के नेताओं को एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी तत्काल बंद कर देनी होगी।