एसएससी मामले में और बढ़ सकती हैं पार्थ चटर्जी की मुश्किलें

– सलाहकार समिति के सदस्यों और चटर्जी के बयानों में विसंगतियां

कोलकाता : शिक्षक भर्ती में व्यापक भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भ्रष्टाचार की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने बताया है कि मंत्री पार्थ चटर्जी और एसएससी के सलाहकार समिति के सदस्यों से पूछताछ में बयानों में बड़े पैमाने पर विसंगतियां मिली हैं।

लगातार तीन दिनों तक सीबीआई की टीम ने एसएससी सलाहकार समिति के अहम सदस्य शांति प्रसाद सिन्हा से पूछताछ की है। सिन्हा नियुक्ति के समय चटर्जी के बेहद खास रहे थे। दूसरी ओर पार्थ चटर्जी ने बताया है कि उन्हें नियुक्ति संबंधी रोजमर्रा के कामकाज के बारे में बहुत कम जानकारी रहती थी क्योंकि नियुक्ति पैनल स्वायत्त था और उसके कामकाज पर शिक्षा विभाग हस्तक्षेप नहीं करता था। जबकि दूसरी ओर सलाहकार समिति के सदस्यों ने बताया है कि पूरी प्रक्रिया की निगरानी शिक्षा विभाग के द्वारा होती थी और हर एक निर्णय की पल-पल की जानकारी और अपडेट मंत्री से लेकर विभाग के अधिकारियों को दी जाती थी।

वर्तमान में राज्य के संसदीय कार्य और उद्योग तथा वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी से उनके शिक्षा मंत्री रहते हुए नियुक्तियों में अनियमितताओं के बारे में बुधवार को तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई थी। उनसे नियुक्ति प्रक्रिया में शिक्षा मंत्री के तौर पर उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया था। इसका जवाब उन्होंने दिया है, लेकिन इस बाबत सलाहकार समिति के सदस्यों के बयान में विरोधाभास है इसलिए उन्हें अगले सप्ताह पूछताछ के लिए एक बार फिर बुलाया गया है।

दूसरी ओर सीबीआई ने एसएससी मुख्यालय के सर्वर रूम को सील किया है जहां सारे डिजिटल डाटा संरक्षित किए गए हैं। इसके जरिए नियुक्ति प्रक्रिया में हुई धांधली को समझने की कोशिश हो रही है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह सीबीआई दफ्तर में पूछताछ के लिए हाजिर होने वाले मंत्री पार्थ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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