नयी दिल्ली : पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि उसने उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है जिनके लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने रद्द कर दिए थे। पतंजलि ने ये जानकारी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच को दी। सुप्रीम कोर्ट ने कथित भ्रामक विज्ञापन मामले में वकील शादान फरासत को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
कोर्ट को बताया गया कि आईएमए के अध्यक्ष अशोकन ने कोर्ट को लेकर दिए गए अपने बयान के लिए बिना शर्त माफी मांग ली है। कोर्ट को सूचित किया गया कि उत्तराखंड की आयुष विभाग द्वारा हलफनामा दाखिल कर दिया गया है।
30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दवाओं के भ्रामक विज्ञापन के मामले पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव और बालकृष्ण की तरफ से प्रकाशित माफीनामा की भाषा पर संतोष जताया था लेकिन उनके वकीलों की तरफ से अखबार का पूरा पन्ना रिकॉर्ड पर न रखने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने अखबार का पूरा पन्ना दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को आगे की सुनवाई में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी।
सुनवाई के दौरान पतंजलि के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया था कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इंटरव्यू देकर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एलोपैथी डॉक्टरों के बारे में की गई टिप्पणी की आलोचना की थी। जजों ने इसे रिकॉर्ड पर रखने को कहा था।