पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर लगाई रोक

पटना : बिहार में पटना हाई कोर्ट ने बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। जस्टिस प्रभात कुमार सिंह की कोर्ट ने आज ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की और सरकार के इस फैसले पर फिलहाल रोक लगा दिया। हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद ट्रांसफर का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों शिक्षकों के साथ राज्य सरकार को भी बड़ा झटका लगा है।

वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने हाई कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवम्बर तक स्थानांतरण व पदस्थापन के लिए विकल्प दे दें। राज्य सरकार ने कहा कि यदि शिक्षक इस तारीख तक विकल्प नहीं देंगे, तो राज्य सरकार अपने स्तर पर स्थानांतरण व पदस्थापन का निर्णय ले लेगी। अधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि विभाग ने पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया था।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से विकल्प देने की बात कही गयी है। उन्होंने बताया कि 2023 के नियमों के अनुसार पुरुष व महिला शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प दिया गया था जबकि इस नये नियम में पुरुष शिक्षकों को दस सब डिवीजन व महिला शिक्षकों को दस पंचायतों का विकल्प दिया गया है, जो पूर्व के नियम के विरुद्ध है। इस मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

बिहार सरकार भले दावा कर रही हो कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों की ट्रांसफर नीति अब पूरी तरह से दोष मुक्त हो चुकी है लेकिन राज्य के शिक्षक इसे गुमराह करने की चाल मान रहे थे। शिक्षक संगठनों का कहना है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग की जो नियमावली दी गई और ट्रांसफर-पोस्टिंग की जो प्रक्रिया एप्लीकेशन पर हो रही है, उसमें बहुत बड़ा अंतर है। इसलिए तमाम शिक्षक संघ के पास स्थानांतरण नीति के विरुद्ध न्यायालय जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। हाई कोर्ट ने दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *