कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधन में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची में धर्म के आधार पर लोगों के नाम जोड़े और काटे जा रहे हैं। उनका इशारा मतदाता सूची से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बाहर करने को लेकर था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 से पहले जो मतदाता सूची का ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें मजहब के आधार पर लोगों को बाहर किया जा रहा है।
बुधवार को केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई ड्राफ्ट सूची का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या बढ़ने के बजाय 12 हजार 577 लोगों के नाम कम हो गए हैं। उन्होंने चुनाव कर्मियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग मतदाता सूची संशोधन का काम कर रहे हैं, वे संवैधानिक नियमों को मानकर काम करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की उम्र 18 साल हो गई है, उन्हें मतदाता सूची में शामिल करना होगा। अन्य मजहब वालों का नाम अगर सूची से निकालेंगे तो परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक षड्यंत्र है। सीमा क्षेत्रों में कई जगहों पर 30 फ़ीसदी मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी इसी तरह का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के लोगों को मतदाता सूची में शामिल कर रहे हैं, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम काटे जा रहे हैं। अब ममता ने भी प्रत्यारोप लगाया है।