कोलकाता : केन्द्र सरकार के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र का यह फैसला देश के संघीय ढांचे पर आघात है। दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमा पर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। सरकार के इस निर्णय का विपक्षी दलों ने आलोचना की है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सायन बनर्जी ने बुधवार को बताया कि हमारे देश में राज्य और केंद्र सरकार के तालमेल का एक संघीय ढांचा है। इस तरह से अगर राज्यों के अधिकार में केंद्र हस्तक्षेप करे तो यह संविधान की मूल भावना पर आघात है। हमारा मकसद संविधान की इसी मूल भावना को बचा कर रखना। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी याचिका बीएसएफ के खिलाफ नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार के फैसले और उनकी मंशा के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बीएसएफ को ढाल बनाकर राज्य के अधिकार में हस्तक्षेप करना चाहती है।अर्द्धसैनिक बल अधिनियम की धारा 139 के तहत केंद्र के इस फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है। सुनवाई के दौरान सायन बनर्जी के अलावा कोलकाता के पूर्व मेयर और हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास रंजन भट्टाचार्य, सब्यसाची चटर्जी और देवलीना सरकार भी याचिकाकर्ता के पक्ष में जिरह करेंगे।
उल्लेखनीय है कि बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाए जाने को लेकर विपक्ष ने तीखी आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा था और राज्य विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है।