◆ कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीआईडी को शिकायत पर तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया
कोलकाता : भारतीय सेना के बैरकपुर कैंप में पाकिस्तानी नागरिक की तैनाती का मामला सामने आया है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि दो पाकिस्तानी नागरिक इस समय बैरकपुर के सैन्य शिविर में काम कर रहे हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीआईडी को शिकायत पर तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में चिंतित न्यायाधीश ने कहा, “ऐसी आशंका है कि आईएसआई भारतीय सेना में लोगों को शामिल करने की कोशिश कर रही है। यह एक गंभीर आरोप है। जीओसी आंतरिक कमान, सेना और सैन्य पुलिस को भी इस मामले में पार्टी बनाने का आदेश दिया गया है।”
ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि भारतीय सेना में पाकिस्तानी नागरिकों को भर्ती किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। याचिकाकर्ता का दावा है कि दो पाकिस्तानी नागरिक बंगाल के बैरकपुर कैंप में काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें काम पर कैसे रखा गया? आरोप है कि यह नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के जरिए की गई है। यह भी दावा किया जाता है कि इसके पीछे पुलिस और प्रशासन के एक हिस्से का सहयोग रहा है। पुलिस सहित प्रशासन के अधिकारियों पर फर्जी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सहयोग करने का आरोप है।
जस्टिस मंथा चिंता जताते हुए कहा, “यह एक गंभीर आरोप है। देश की सुरक्षा में खलल डालने का आरोप है। ऐसी आशंका है कि आईएसआई लोगों को भारतीय सेना में शामिल करने की कोशिश कर रही है।” सीआईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट तलब की गई है। मामले की अगली सुनवाई 26 जून को है।