नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पूर्वी भारत में देश के विकास का एक मजबूत इंजन बनने की क्षमता है। प्रधानमंत्री आज पश्चिम बंगाल के कोलाघाट में क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के उद्घाटन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराया और पूरे देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को भी करारा जवाब दिया। हालात ये हैं कि विपक्ष के लोग बीच चर्चा में ही सदन छोड़कर भाग गए। सच्चाई ये थी कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गया था। उन्होंने कहा कि वो लोग नहीं चाहते थे कि वोटिंग हो क्योंकि वोटिंग होती तो ‘घमंडिया’ गठबंधन की पोल खुल जाती, कौन किसके साथ है, ये दूध का दूध, पानी का पानी हो जाता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष को मणिपुर की चिंता नहीं है। वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग सदन से भाग गए, ये पूरे देश ने देखा है, लेकिन ये दु:खद है कि इन लोगों ने मणिपुर के लोगों के साथ इतना बड़ा विश्वासघात किया। सत्र प्रारंभ होने से पहले देश के गृहमंत्री ने इन राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वो तत्काल मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं और अकेले मणिपुर पर विस्तृत चर्चा हो ये जरूरी है। इतने संवेदनशील विषय पर पक्ष-विपक्ष में बात होती तो मणिपुर के लोगों को भी मरहम लगता और समस्या के समाधान के कुछ नए रास्ते भी निकल आते, लेकिन ये लोग मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते थे, क्योंकि उनको मालूम था कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उनको चुभने वाला है। उनको मणिपुर के नागरिकों के दुःख-दर्द और पीड़ा की परवाह नहीं थी।
उन्होंने कहा कि उनके लिए उनकी राजनीति, देश से बड़ा दल ही प्राथमिकता है। इसलिए उन्होंने मणिपुर की चर्चा तो टाल दी और अविश्वास प्रस्ताव लाकर राजनीतिक बहस को ही प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सदन में भले ही व्यवधान डाल लें, लेकिन भाजपा के हम सभी कार्यकर्ताओं और जन प्रतिनिधियों को जनता के बीच जाकर सच्चाई के हर पहलू से लोगों को अवगत कराना ही कराना है।
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए पंचायत चुनावों को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर भी हमला किया और कहा कि पूरे देश ने पूर्वी राज्य में ‘हत्या की राजनीति’ देखी है। प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवारों को धमकाने और बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हाल ही में वहां पंचायत चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने कैसा खूनी खेल खेला, ये भी देश ने देखा है। उसके टोलाबाजों की फौज वोटिंग में ठप्पेबाजी की फौज बन जाती है। सारे गुंडों को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है कि कितने पोलिंग बूथ को कौन कैप्चर करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी करते हैं कि कोई भी भाजपा उम्मीदवार नामांकन दाखिल न कर सके। वे न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं को बल्कि मतदाताओं को भी धमकाते हैं। बूथ पर कब्जा करने के लिए ठेके दिए जाते हैं। यह राज्य में राजनीति करने का उनका (तृणमूल कांग्रेस) तरीका है। प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज की इस बैठक से कुछ दिन पहले हरियाणा में स्थानीय स्वराज के प्रतिनिधियों से बातचीत करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि जब मैं पार्टी के कार्यक्रम में आता हूं, कार्यकर्ताओं से मिलता हूं, तो मुझे हमेशा एक नई प्रेरणा और नया उत्साह मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत में देश के विकास का एक मजबूत स्तंभ, एक मजबूत इंजन का पूरा पूरा सामर्थ्य है। वहां प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है और वहां हमारे तेजस्वी, ऊर्जावान एवं ओजस्वी नागरिकों का भी एक बहुत बड़ा सामर्थ्य है। इसलिए पूर्वी भारत के आप सभी प्रतिनिधियों से मिलना, बात करना अपने आप में बहुत अहम हो जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी भारतीय लोकतंत्र की एक बड़ी मजबूत इकाई का नेतृत्व कर रहे हैं। जिला परिषद का अध्यक्ष राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर से भी ज्यादा ताकत रखता है, उससे ज्यादा काम कर सकता है। भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर भी आप अपने जिले में, राज्य में पार्टी की नींव मजबूत करने में भी अपने काम और व्यवहार के जरिये लोगों का दिल जीत रहे हैं और इसके लिए बार-बार लोग भाजपा पर विश्वास जता रहे हैं।